भारत और अमेरिका के विशेषज्ञ छह विषयों पर करेंगे संयुक्त रिसर्च

भारत और अमेरिका के विशेषज्ञ छह विषयों पर करेंगे संयुक्त रिसर्च

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के विशेषज्ञों ने संयुक्त रिसर्च योजनाओं को शुरू करने को लेकर बातचीत की है। दोनों देश उन क्षेत्रों में रिसर्च के इच्छुक हैं जिन्हें विकास परियोजनाओं किक-ऑफ कार्यशाला में प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टीआईएच) के माध्यम से लागू किया जाएगा।इनमें भारत और अमेरिका में उपलब्ध टेस्ट बेड व डेटासेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) व एडवांस वायरलेस जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर सहयोग का विस्तार और छात्र व शोधकर्ता विनिमय कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य दोनों देशों में मौजूदा अनुसंधान परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के घटक को जोड़ना है। यह केंद्र राष्ट्रीय अंतर-विषयक साइबर- फिजिकल प्रणालियों के मिशन के तहत लगभग 43 करोड़ डॉलर के निवेश के पांच साल के खंड का हिस्सा हैं और इसमें अकादमिक शोधकर्ता व उद्योग भागीदारी शामिल हैं।

इस कार्यशाला का आयोजन आईआईटी- दिल्ली ने किया। इसका उद्देश्य इस विषय पर चर्चा करना था कि छह टीआईएच द्वारा परियोजनाओं को कैसे कार्यान्वित किया जाना है, जो अद्वितीय संसाधनों का लाभ उठाएंगे।

केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने बताया कि ऐसी कुल 35 संयुक्त परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिन्हें अमेरिका के प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टीआईएच) और अनुसंधान संस्थानें लागू करेंगी। उन्होंने कहा, इस प्रयास से दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

डॉ. गुप्ता ने कहा, अमेरिका हमारा स्वाभाविक साझेदार है। विशेष रूप से विज्ञान में हमने पारंपरिक रूप से भागीदारी की है और सहयोगी परियोजनाओं के माध्यम से संस्था स्तर, सरकारी स्तर और यहां तक कि लोगों के स्तर पर भी जुड़ाव और अधिक गहरा होगा।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि यह कार्यशाला समाज की समस्याओं के समाधान के लिए लिंकेज को सक्षम करेगी और टीआईएच का निर्माण करेगी। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और नेशनल साइन्स फाउंडेशन (एनएसएफ) ने सितंबर 2021 में विषयगत क्षेत्रों में सहयोगी अनुसंधान और विकास के लिए आपस में हाथ मिलाया। इन क्षेत्रों में कृषि, स्वायत्त तकनीक प्रणाली व अनुप्रयोगों, स्वास्थ्य व पर्यावरण, पुनर्वास व सहायक रोबोटिक्सऔर विभिन्न साइबर-फिजिकल प्रणालियों को कवर करने वाले स्मार्ट शहर शामिल हैं।

डीएसटी नए युग की तकनीकों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए पांच साल की अवधि के लिए 3,660 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय मिशन-अंतर-विषयक साइबर-फिजिकल प्रणालियों (एनएमआईसीपीएस) को कार्यान्वित कर रहा है। इस मिशन के कार्यान्वयन के तहतदेश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों में 25 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टीआईएच) स्थापित किए गए हैं। इसका उद्देश्य उन्नत प्रौद्योगिकी मेंसाइबर-फिजिकल प्रणालियों, नीति निमार्ताओं, शोधकतार्ओं, प्रमुख संस्थानों, स्टार्ट-अप्स, उद्यमियों, निवेशकों, उद्योगों और वैश्विक जुड़ाव को लेकर मंच का नेतृत्व करने के लिएएक मजबूत नींव और एक सुगम इकोसिस्टम का निर्माण करना है।

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