बेंगलुरु, | भाजपा आलाकमान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को अपने पक्ष में समर्थन जुटाकर मजबूत होने के लिए अब उन्हें और ज्यादा समय दिए जाने के पक्ष में नहीं है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि अगर सीएम येदियुरप्पा को खुद के बारे में निर्णय लेने का और समय मिलता है, तो संभावना है कि वह विधायकों का समर्थन जुटाकर अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा हाईकमान उनकी मांगों को मानने को मजबूर हो जाएगा। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि बदलाव उसकी योजनाओं के अनुसार हो।
कहा जाता है कि येदियुरप्पा को कर्नाटक में भाजपा सरकार के 2 साल 26 जुलाई को पूरे होने के तुरंत बाद फैसला लेने को कहा गया है। हालांकि कहा जा रहा है कि वह अगस्त तक का समय मांग रहे हैं।
येदियुरप्पा ने इससे पहले 70 से अधिक विधायकों के समर्थन से न केवल 2013 में हाईकमान को चुनौती दी थी, बल्कि मुख्यमंत्री बनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को बहुत परेशान किया था, हालांकि पहले डी.वी. सदानंद गौड़ा और फिर जगदीश शेट्टार को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
सूत्रों ने कहा कि पिछले अनुभवों ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को येदियुरप्पा के बारे में आशंकित कर दिया है, और वे उन पर अपने नियम और शर्तो के अनुसार इस मुद्दे पर फैसला लेने का दबाव बना रहे हैं।