प्रधानमंत्री का पाटीदार समुदाय से आग्रह, खाद्य, कृषि व्यवसाय में नए क्षितिज तलाशें

प्रधानमंत्री का पाटीदार समुदाय से आग्रह, खाद्य, कृषि व्यवसाय में नए क्षितिज तलाशें

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सूरत के सरदारधाम द्वारा आयोजित ग्लोबल पाटीदार बिजनेस समिट 2022 का उद्घाटन किया। इस मौके पर गुजरात सरकार के कुछ मंत्री और उद्योग जगत के नेता मौजूद थे। सरदार पटेल के शब्दों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के पास बहुत कुछ है। “सरदार वल्लभ भाई पटेल ने स्वतंत्रता के समय कहा था कि देश में धन की कोई कमी नहीं है। हमें बस अपने दिमाग का बुद्धिमानी से उपयोग करने की जरूरत है। यदि हम संकल्प के साथ काम शुरू करते हैं, तो परिणाम निश्चित है। इसलिए, सरदार साहब के शब्द को नहीं भूलना चाहिए। हमें बस अपने आत्मविश्वास को, अपनी आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत करना है। यह आत्मविश्वास तभी आएगा, जब विकास में सभी की भागीदारी होगी, सभी के प्रयास शामिल होंगे।”

उन्होंने पाटीदार नेताओं को स्थानीय बुनियादी ढांचे, खाद्य और कृषि व्यवसाय में निवेश करने का सुझाव दिया। पीएम ने कहा, “हम केवल बड़े शहरों में हीरा कारोबार, भूमि सौदों या विकासशील उद्योगों में निवेश करके आत्मनिर्भर नहीं हो सकते। मैं चाहता हूं कि आप छोटे शहरों को अपनाएं और खाद्य व कृषि व्यवसाय के नए क्षितिज तलाशना शुरू करें।”

देश में उद्यमिता की भावना को बढ़ाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी नीतियों और कार्यो के माध्यम से सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश में ऐसा माहौल बने कि आम परिवार के युवा भी उद्यमी बनें, सपने देखें और उद्यमिता पर गर्व करें। मुद्रा योजना जैसी योजनाएं उन लोगों को व्यवसाय में आने की ताकत दे रही हैं, जिन्होंने ऐसा करने के बारे में कभी सपने में भी नहीं सोचा था। इसी तरह, स्टार्ट अप इंडिया यूनिकॉर्न के नवोन्मेष, प्रतिभा और सपनों को साकार करने में मदद कर रहा है, जो पहले दुर्गम दिखाई देता था।

प्रधानमंत्री ने गुजराती में बोलते हुए समुदाय को राष्ट्रीय हित के मुद्दों और दस्तावेज विचारों, वैश्विक अच्छी प्रथाओं और सरकारी नीतियों पर काम करने के लिए अनुभवी और युवा दोनों सदस्यों के समूह बनाने के लिए कहा और कहा कि उनका विश्लेषण भी किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार और शिक्षा में हस्तक्षेप का सुझाव देने के लिए फिनटेक, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन आदि विषयों को लिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन को कृषि के आधुनिकीकरण और कृषि में निवेश लाने के तरीकों का पता लगाने के लिए भी कहा। उन्होंने कुछ दशक पहले गुजरात में डेयरी आंदोलन का उदाहरण दिया, जिसने वहां के किसानों के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया।

उन्होंने कहा, “हमें कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के तरीके खोजने की जरूरत है। ऐसे प्रयासों से खाद्य तेल के आयात को कम करने में मदद मिल सकती है।” उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में संभावनाओं और जैविक तरीके से खेती के प्राकृतिक तरीकों पर जोर दिया।

मोदी ने सौर पैनलों के लिए खेतों में अतिरिक्त क्षेत्रों का उपयोग करने की संभावनाओं पर जोर दिया और पाटीदार समुदाय को उन्हें हाल ही में शुरू किए गए अमृत सरोवर अभियान में योगदान देने के लिए कहा। उन्होंने समुदाय को प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर विकसित करने का सुझाव दिया, जो पर्यटन स्थलों के रूप में उभर सकते हैं।

सरदारधाम हर दो साल में जीपीबीएस का आयोजन कर रहा है। पहले दो शिखर सम्मेलन 2018 और 2020 में गांधीनगर में आयोजित किए गए थे और वर्तमान शिखर सम्मेलन सूरत में हो रहा है। जीपीबीएस 2022 का मुख्य विषय ‘आत्मनिर्भर समुदाय से आत्मनिर्भर गुजरात और भारत’ है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य समुदाय के भीतर छोटे, मध्यम और बड़े उद्यमों को एक साथ लाना है। नए उद्यमियों का पोषण व समर्थन करना और शिक्षित युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार सहायता प्रदान करना। 29 अप्रैल से 1 मई तक तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में औद्योगिक नीति, एमएसएमई, स्टार्ट-अप और नवाचार के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website