आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मुंबई का सामर्थ्य कई गुणा बढ़ा : पीएम मोदी

आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मुंबई का सामर्थ्य कई गुणा बढ़ा : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को कहा कि मुंबई महानगर ने आजाद भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान दिया है। अब प्रयास है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मुंबई का सामर्थ्य कई गुणा बढ़े। इसलिए मुंबई में 21वीं सदी के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर हमारा विशेष फोकस है।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को मुंबई उपनगरीय रेलवे की दो उपनगरीय रेलगाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया। लगभग 620 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, अतिरिक्त रेलवे लाइनें उपनगरीय रेल गाड़ियों के यातायात में लंबी दूरी की रेलगाड़ियों के यातायात में रुकावट को काफी हद तक दूर करेंगी। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ठाणे और दिवा को जोड़ने वाली दो अतिरिक्त रेलवे लाइनें राष्ट्र को समर्पित की।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ठाणे-दिवा के बीच नई बनी पांचवीं और छठी रेल लाइन के शुभारंभ पर हर मुंबईकर को बहुत-बहुत बधाई। ये नई रेल लाइन, मुंबई वासियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगी, उनकी ‘ईज ऑफ लिविंग’ बढ़ाएगी। ये नई रेल लाइन, मुंबई की कभी ना थमने वाली जिंदगी को और अधिक रफ्तार देगी।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार से सेंट्रल रेलवे लाइन पर 36 नई लोकल चलने जा रही हैं। इनमें से भी अधिकतर वातानुकुलित ट्रेनें हैं। ये लोकल की सुविधा को विस्तार देने, लोकल को आधुनिक बनाने के केंद्र सरकार के कमिटमेंट का हिस्सा है। मुंबई महानगर ने आजाद भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान दिया है। अब प्रयास है कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मुंबई का सामथ्र्य कई गुणा बढ़े। इसलिए मुंबई में 21वीं सदी के इंफ्रास्ट्रक्च र निर्माण पर हमारा विशेष फोकस है।

अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल आज मुंबई की, देश की आवश्यकता है। ये मुंबई की क्षमता को, सपनों के शहर के रूप में मुंबई की पहचान को सशक्त करेगी। ये प्रोजेक्ट तेज गति से पूरा हो, ये हम सभी की प्राथमिकता है। अतीत में इंफ्रास्ट्रक्च र प्रोजेक्ट्स सालों-साल तक इसलिए चलते थे, क्योंकि प्लानिंग से लेकर एग्जीक्यूशन तक तालमेल की कमी थी। इस अप्रोच से 21वीं सदी भारत के इंफ्रास्ट्रक्च र का निर्माण संभव नहीं है। इसलिए हमने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान बनाया है।

पीएम ने कहा कि बरसों से हमारे यहां एक सोच हावी रही कि जो साधन-संसाधन गरीब इस्तेमाल करता है, मिडिल क्लास इस्तेमाल करता है, उस पर निवेश नहीं करो। इस वजह से भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की चमक हमेशा फीकी ही रही। लेकिन अब भारत उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर और भोपाल के आधुनिक रेलवे स्टेशन रेलवे की पहचान बन रहे हैं। आज 6000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन वाईफाई सुविधा से जुड़ चुके हैं। वंदे भारत ट्रेनें देश की रेल को गति और आधुनिक सुविधा दे रही है। आने वाले वर्षों में 400 नई वंदे भारत ट्रेन देशवासियों को सेवा देना शुरू करेंगी।

ठाणे और दिवा को जोड़ने वाली दो अतिरिक्त रेल लाइनें लगभग 620 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई हैं और इसमें 1.4 किमी लंबा रेल फ्लाईओवर, 3 प्रमुख पुल, 21 छोटे पुल शामिल हैं। ये लाइनें मुंबई में उपनगरीय रेल गाड़ियों के यातायात के साथ लंबी दूरी की रेलगाड़ियों के यातायात में रुकावट को काफी हद तक दूर कर देंगी। इन लाइनों से शहर में 36 नई उपनगरीय रेलगाड़ियां भी चलाई जा सकेंगी।

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