आईएसआई प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में पुलों, रेलवे पटरियों को उड़ाने वाले थे’

आईएसआई प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में पुलों, रेलवे पटरियों को उड़ाने वाले थे’


नई दिल्ली :
पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आतंकवादियों को भारत में बड़े पैमाने पर लोगों को हताहत करने के लिए पुलों और रेलवे पटरियों को उड़ाने के लिए प्रशिक्षित किया था। गुरुवार को पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थट्टा में आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित दो संदिग्ध आतंकवादियों- ओसामा और जीशान को रेलवे ट्रैक की रेकी करने का निर्देश दिया गया था।

पूछताछ में पता चला कि दोनों को अधिक यात्रियों वाली ट्रेनों के समय और मार्ग का विवरण हासिल करने के लिए भी कहा गया था, ताकि विस्फोट में बड़ी संख्या में लोग हताहत हों।

सूत्रों ने बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में स्पेशल सेल द्वारा पकड़े जाने पर उनके कब्जे से 1.5 किलो आरडीएक्स बरामद किया गया था। सूत्र ने कहा, “आरडीएक्स की इतनी मात्रा बड़े पैमाने पर तबाही मचाने के लिए काफी है।”

ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम अभी भी सभी संदिग्ध आतंकियों से संयुक्त रूप से पूछताछ कर रही है।

पुलिस विशेष रूप से एक अन्य संदिग्ध आतंकवादी जान मोहम्मद पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसके डी कंपनी के संचालक होने का संदेह है। उसे कोटा में गिरफ्तार किया गया था, जब वह दिल्ली जा रहा था। महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख विनीत अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि जान मोहम्मद मुंबई के धारावी के रहने वाले हैं।

पुलिस ओसामा के पिता हुमैद-उर-रहमान की भी तलाश कर रही है, जिस पर आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड होने का संदेह है।

आरोप है कि हुमैद ने ओसामा और यूपी के इलाहाबाद निवासी जीशान कमर को पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए ओमान के मस्कट भेजा था।

एक बार जब वे मस्कट पहुंचे, तो पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) उन्हें विस्फोटक और बम बनाने में प्रशिक्षित करने के लिए समुद्री मार्गो से ग्वादर बंदरगाह ले गया।

ओसामा और जीशान कमर को सिंध प्रांत के थट्टा में एक फार्महाउस में बम और आईईडी बनाने और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से आगजनी करने का प्रशिक्षण दिया गया था।

फार्महाउस में तीन पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें से दो, जब्बार और हमजा ने उन्हें प्रशिक्षण दिया। ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे, क्योंकि वे सैन्य वर्दी पहने हुए थे।

प्रशिक्षण लगभग 15 दिनों तक चला और उसके बाद उन्हें उसी मार्ग से मस्कट वापस ले जाया गया।

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