अमित शाह बोले, विपक्ष का कोविड पर ‘राजनीति करना’ निंदनीय

अमित शाह बोले, विपक्ष का कोविड पर ‘राजनीति करना’ निंदनीय

नई दिल्ली, | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब केंद्र लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय अपना रहा है, तब कोविड-19 संकट पर राजनीति की जा रही है। शाह ने ट्वीट किया, “केंद्र ने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। मोदी सरकार कोविड को नियंत्रित करने के लिए काफी प्रयास कर रही है, मगर विपक्षी नेता हमेशा की तरह राजनीति करना जारी रखे हुए हैं।”

गृहमंत्री ने एक ट्वीट में एक दैनिक में प्रकाशित केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के ‘डिसइनफॉर्मेशन क्राइसिस’ शीर्षक आलेख का उल्लेख करते हुए टिप्पणी की : “प्रकाश जावड़ेकर जी का लेख पढ़ें।”

आलेख में, जावड़ेकर ने लिखा है कि कैसे जनवरी की शुरुआत में देशभर में कोविड की स्थिति में काफी सुधार हुआ था और रोजाना आने वाले नए मामलों की संख्या लगातार घट रही थी।

हालांकि, उन्होंने कहा, केरल में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े और रोजाना आने वाले नए मामलों में लगभग एक तिहाई मामलों की रिपोर्ट वहीं से आ रही थी।

6 जनवरी को, मंत्री ने आलेख में उल्लेख किया, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने केरल सरकार को लिखा था और तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया था।

“अगले दिन, एक उच्च-स्तरीय केंद्रीय टीम राज्य में भेजी गई थी। यह पिछले साल के कई उदाहरणों में से एक था – विशेष रूप से पिछले कुछ महीनों में – जो केंद्र सरकार के कठोर निगरानी प्रयासों को उजागर करता है और भारत भर में कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई थी।”

जावड़ेकर ने लिखा है, “मुझे यह याद है कि इस मिथक का प्रसार किया जा रहा था कि केंद्र सरकार ने पहली लहर के बाद गेंद कोविड प्रबंधन के पाले में डाल दिया और पिछले कुछ महीनों से इसे पूरी तरह से राज्यों पर छोड़ दिया है।”

मंत्री ने कहा कि ‘सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं है’, सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य का विषय होने के बावजूद, केंद्र सरकार कोविड प्रबंधन में सक्रिय रही है, क्योंकि एक महामारी को राष्ट्रीय स्तर के समन्वय और पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होती है।

उन्होंने लिखा, “सामने से नेतृत्व करना और राज्यों को काफी सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करना जारी रखा गया। फरवरी 2020 से, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मामले के रुझानों की निगरानी कर रहा है, राज्यों की तैयारियों का मूल्यांकन कर रहा है, तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है और राज्य एवं जिला स्तर पर बनाई गईं प्रतिक्रिया रणनीतियों के अनुसार देखरेख कर रहा है।”

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