अनुब्रत मंडल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

अनुब्रत मंडल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के अदालत के आदेश को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की एकल न्यायाधीश वाली पीठ को इस मामले की सुनवाई करनी थी, लेकिन अदालत में उनकी अनुपलब्धता के कारण मामले को अगली सुनवाई के लिए 2 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है।

24 जनवरी को विशेष न्यायाधीश ने उन्हें जमानत देने का कोई कारण नहीं बताते हुए आदेश पारित किया था। ईडी के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने कहा था कि मंडल की जमानत अर्जी निराधार है। रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मंडल को गिरफ्तार किया था।

अनुब्रत मंडल ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत अनिवार्य रूप से गिरफ्तारी के आधार प्रदान नहीं किए गए थे।

आसनसोल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने मंडल को जमानत देने से इनकार कर दिया था। 21 दिसंबर 2022 को मंडल ने ईडी के मामले में राउज एवेन्यू अदालतों द्वारा पेशी वारंट जारी करने को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था।

मंडल के वकील कपिल सिब्बल ने पहले मंडल को दिल्ली लाने के ईडी के प्रयास के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने मामले को राउज एवेन्यू अदालतों में वापस सौंप दिया।

7 अक्टूबर को आसनसोल अदालत में सीबीआई द्वारा दायर चौथी चार्जशीट में मंडल का नाम शामिल किया गया था, जबकि मंडल के पूर्व बॉडीगार्ड सहगल हुसैन को 10 जून को गिरफ्तार किया गया था। 8 अगस्त को दायर सीबीआई की तीसरी चार्जशीट के मुताबिक, वह सरगनाओं (किंगपिन) में से एक था। हुसैन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

सीबीआई को शक है कि मवेशी तस्करी से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल 2014 में या उसके बाद निष्पादित 168 भूमि और संपत्ति के कामों में से 24 को खरीदने के लिए किया गया था। सीबीआई के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने इन संपत्ति के कामों में मंडल के संदिग्ध लिंक का पता लगाया है। शेष 144 पंजीकरण पत्रों पर उनके रिश्तेदारों, सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के नाम हैं।

मंडल की बेटी सुकन्या, जिनके लाभार्थियों में शामिल होने का संदेह है। उन्हें नवंबर 2022 में ईडी ने अपने दिल्ली कार्यालय में बुलाया था। सीबीआई की जांच में पता चला कि वह दो कंपनियों, नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड और एएनएम एग्रोकेम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं।

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