अखिलेश-केशव की तू-तू मैं-मैं से गरमाया सदन का माहौल, योगी ने संभाला मोर्चा

अखिलेश-केशव की तू-तू मैं-मैं से गरमाया सदन का माहौल, योगी ने संभाला मोर्चा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बुधवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच तीखी बहस हुई और बात इतनी अधिक बढ़ गई कि खुद नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी को खड़े होकर माहौल शांत करना पड़ा। विधानसभा सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि क्या आपने सैफई की जमीन बेचकर सड़क बनाई थी। इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव बिफर गए और उन्होंने कहा कि क्या तुम अपने पिता जी पैसा लाते हो। इसके बाद जोरदार हंगामा होने लगा। फिर मुख्यमंत्री योगी ने माहौल शांत कराया।

केशव प्रसाद मौर्य की ओर से यह कहे जाने पर कि क्या आपने सैफई की जमीन बेचकर सड़क बनाई थी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बिफर पड़े। वह अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि क्या तुम पिता जी का पैसा लाते हो। राशन बांटा तो पिताजी का पैसा था? अखिलेश के यह कहते ही दोनों तरफ से शोर-शराबा होने लगा तो खुद सीएम योगी आदित्यनाथ मोर्चा संभाला और सबको मयार्दा में रहने की नसीहत दी।

राज्यपाल के अभिभाषण पर जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने जहां सपा सरकार में की गयी उपलब्धियों को गिनाया। वहीं उन्होंने प्रदेश की मौजूदा सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिन्दा बताया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे विफल सरकार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय चारों ओर अराजकता और असुरक्षा का माहौल है। सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। विकास कार्य अवरूद्व हुए हैं। उन्होंने अपने पूरे भाषण के दौरान प्रदेश ने अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में ऐसा कोई विकास कार्य नहीं किया, जिसको लेकर वह अपनी उपलब्धि बता सकें। उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार के कोई ठोस योजना नहीं तैयार की है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा के सूचकांक पर यूपी आज नीचे से चौथी पायदान पर है। मिडडे मील में भी जो भ्रष्टाचार है उसमें यूपी नंबर वन चल रहा है। फर्जी इनकांउटर के मामलें में मानवाधिकार आयो से सब से ज्यादा नोटिस यूपी को ही मिल रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एनसीआर के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में साम्प्रदायिकता बढ़ी है और पुलिस पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है। उन्होने सपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार में कराए गए विकास कार्यो पर ही अपना लेबल लगाकर फीता काटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि उसने अपने पिछले पांच साल में कौन से ऐसे विकास कार्य किए है जिसको लेकर वह जनता के बीच अपनी उपलब्ध्यिों में गिना सके। आगरा एक्सप्रेसे वे मैट्रो और लोकभवन को सपा सरकार का प्रोजेक्ट बताते हुए कहा कि इस सरकार के पास गिनाने के लिए कोई भी एक काम नहीं है। योगी सरकार द्वारा अपराधियों माफियाओं के खिलाफ की जा रही बुलडोजर कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि बरेली में सपा विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ जानबूझकर बदले की भावना से उत्पीड़न की कार्रवाई की गई। उनका पेट्रोल पंप गिरा दिया गया।

नेता प्रतिपक्ष द्वारा अपने अभिभाषण के दौरान सरकार की गिनाई गई खामियों के जवाब में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में जो भी विकास कार्य पूरे हुए वह इसी सरकार में किए गए। यदि सपा सरकार में सभी योजनाएं बेहतर थीं तो जनता ने उन्हें दोबारा सत्ता क्यों नहीं सौपी। सपा लगातार चौथा चुनाव हारी है जनता ने भाजपा की कथनी करनी पर भरोसा किया है। तभी दूसरी बार उसने चुनकर भेजा है। कोरोना काल के दौरान यूपी में अखिलेश यादव द्वारा अव्यवस्था का सवाल उठाए जाने पर डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा वालों को कोरोना का टीका और माथे के टीके से हमेशा दिक्कत रही है। सबसे ज्यादा वैक्सीन यूपी में लगाई गई। जहां तक गंगा में लाशे बहाये जाने की बात है तो वहां की यह परंपरा रही है कि लोग अपने परिजनों के शव गंगा के किनारे रेत में दबाकर ऊपर से रामनामी डाल देते हैं।

केशव ने स्पष्ट किया कि सरकार के कार्यकाल की यह अभी झांकी है पूरे पांच साल की पिक्च र बाकी है। देश की राजनीति तुष्टिकरण के चंगुल से निकल चुकी है सरकारी नौकरियों को जातिवाद क्षेत्रवाद और पार्टीवाद से दूर रखा गया है। पिछली सरकार में उप्र अधीनस्थ चयन आयोग में भ्रष्टाचार तथा उसका समाजवादी करण कर दिया गया था। उपमुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान कई बातों पर उनकी नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से तीखी नोंक झोंक भी हुई।

हंगामा बढ़ते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खड़े हुए। उन्होंने सबको मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए कहा कि सहमति-असहमति हो सकती है किसी बात पर, हम बाद में ठीक करवा सकते हैं। लेकिन तू-तू- मैं-मैं का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। किसी असभ्य भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह गलत परंपरा होगी और देश में गलत संदेश जाएगा। जब एक सदस्य खासकर उपमुख्यमंत्री बोल रहे हों तो बीच में रनिंग कमेंट्री करना ठीक नहीं होगा। योगी ने कहा कि सिर्फ सत्ता पक्ष से मर्यादा की अपेक्षा ना करें विपक्ष भी इसका पालन करे तो बेहतर होगा।

इससे पूर्व प्रश्न प्रहर में सदस्यों के जवाब में उर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बिजली की व्यवस्था बेहतर से और बेहतर की जा रही है और बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है।

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