नई दिल्ली, | दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर से जुड़े एक मामले में इंडियन मुजाहिदीन के एक कथित आतंकवादी अरिज खान को दोषी ठहराया। अदालत ने पाया कि उसने जानबूझकर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या की। 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जामिया नगर के बाटला हाउस में एक मुठभेड़ को अंजाम दिया था, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन के दो संदिग्ध आतंकवादी की मौत हो गई थी और इंस्पेक्टर शर्मा शहीद हो गए थे।
बाटला हाउस में एल -18 में मुठभेड़ के बाद कथित रूप से भागने के एक दशक बाद फरवरी 2018 में आरिज खान को गिरफ्तार किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा, “खान ने अपने सहयोगियों के साथ, स्वेच्छा से लोक सेवकों को चोट पहुंचाई। आरोपियों ने जानबूझकर और स्वेच्छा से इंस्पेक्टर एम. सी. शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी।”
न्यायाधीश ने कहा कि खान और उनके सहयोगियों ने हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह और राजबीर सिंह को भी चोट पहुंचाई।
न्यायाधीश ने आगे कहा कि रिकॉर्ड पर पेश किए गए सबूत से साबित होता है कि अभियुक्त को दोषी ठहराया जाना है।
अदालत 15 मार्च को दोपहर 12 बजे सजा के बिंदुओं पर दलील सुनेगी। कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया है कि वह पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए खान और उसके परिवार की वित्तीय क्षमता का पता लगाने के लिए एक जांच करे।
आरिज को धारा 186 (सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), 333 (स्वेच्छा से गंभीर रूप से चोट पहुंचाने का कारण), 353 , 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है।
आरिज कथित रूप से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा है। पुलिस ने दावा किया कि वह चार अन्य लोगों के साथ बटला हाउस में मौजूद था, और मुठभेड़ के दौरान पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा।