आज के शासन को परिभाषित करते हैं सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन: पीएम मोदी

आज के शासन को परिभाषित करते हैं सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन: पीएम मोदी

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन (रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म) मंत्र आज के शासन को परिभाषित करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान, राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ सरकार ने सुधार लाए और लोगों की भागीदारी के कारण उन्हें जमीन पर परिणाम मिले।

उन्होंने यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) में कक्षा 2022 के स्नातकोत्तर कार्यक्रम की 20वीं वर्षगांठ समारोह और स्नातक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

पीएम मोदी ने गुरुवार को आईएसबी, हैदराबाद के 20 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया और 2022 के पीजीपी कक्षा के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

आईएसबी के हैदराबाद और मोहाली दोनों परिसरों के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में सुधार की जरूरत तो हमेशा से महसूस की जाती रही थी, मगर राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी हमेशा रही।

उन्होंने कहा, “पिछले तीन दशकों में लगातार बनी रही राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश ने लंबे समय तक राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी देखी। इस वजह से देश रिफॉर्म से, बड़े फैसले लेने से दूर ही रहा। 2014 के बाद से हमारा देश राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी देख रहा है और लगातार रिफॉर्म भी हो रहे हैं। जब ²ढ़ संकल्प और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ सुधार किए जाते हैं तो जनता का समर्थन और लोकप्रिय समर्थन का आश्वासन भी मिलता है।”

उन्होंने लोगों के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाए जाने का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा, “फिनटेक ने आम आदमी का जीवन बदल दिया है। जहां कभी बैंकों के प्रति भरोसा कायम करने के लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ती थी, वहां अब दुनिया की 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रही हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत जी-20 देशों के समूह में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। स्मार्टफोन डाटा कंज्यूमर के मामले में भारत पहले नंबर पर है। इंटरनेट यूजर्स की संख्या को देखें तो भारत दूसरे नंबर पर है। ग्लोबल रिटेल इंडेक्स में भी भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम भारत में है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट भारत में है।”

उन्होंने दावा किया कि कोविड महामारी के बीच भी, भारत ने अपनी लचीलापन साबित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती और ताकत प्रमाणित हुई।

उन्होंने याद किया कि यहां कोई पीपीई निर्मार्ता नहीं थे, लेकिन देश ने कुछ ही समय में 1,100 निर्माताओं और कोविड के बुनियादी ढांचे का उत्पादन किया। परीक्षण के लिए केवल कुछ प्रयोगशालाएं थीं, लेकिन यह संख्या 2,500 तक पहुंच गई।

पीएम मोदी ने कहा, “कोविड वैक्सीन के लिए तो हमारे यहां चिंता जताई जा रही थी कि विदेशी वैक्सीन मिल भी पाएगी या नहीं, लेकिन हमने अपनी वैक्सीन तैयार कीं। इतनी वैक्सीन बनाईं कि भारत में भी 190 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। भारत ने दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी वैक्सीन भेजी हैं।”

उन्होंने कहा, “इसी प्रकार मेडिकल एजुकेशन में भी हमने एक के बाद एक अनेक रिफॉर्म किए। इसी का परिणाम है कि बीते 8 सालों में मेडिकल कॉलेज की संख्या 380 से बढ़कर 600 से भी अधिक हो गई है। देश में मेडिकल की ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की सीटें 90 हजार से बढ़कर डेढ़ लाख से ऊपर हो चुकी हैं।”

बदलते कारोबारी परि²श्य पर टिप्पणी करते हुए जहां औपचारिक, अनौपचारिक, छोटे और बड़े व्यवसाय अपना विस्तार कर रहे हैं और लाखों-करोड़ों लोगों को रोजगार दे रहे हैं, उन्होंने छोटे व्यवसायों को बढ़ने के लिए और अवसर देने तथा नए स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ने में उनकी मदद करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उनकी अपार क्षमता के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “भारत को फ्यूचर-रेडी बनाने के लिए हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि भारत आत्मनिर्भर बने।”

उन्होंने कहा कि इसमें आईएसबी जैसे संस्थानों के छात्रों की बड़ी भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहा, “इसमें आप सभी बिजनेस प्रोफेशनल्स की बड़ी भूमिका है और ये आपके लिए एक तरह से देश की सेवा का उत्तम उदाहरण होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार प्रक्रिया में नौकरशाही ने भी ठोस योगदान दिया है। पीएम मोदी ने कहा, “सिस्टम वही है लेकिन परिणाम उत्साहजनक हैं। सुधारों की गति बढ़ाने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। जब लोग सहयोग करते हैं, तो त्वरित और बेहतर परिणाम सुनिश्चित होते हैं। अब सिस्टम में सरकार सुधार लाती है, नौकरशाही प्रदर्शन करती है और लोगों की भागीदारी परिवर्तन की ओर ले जाती है।”

उन्होंने कहा आईएसबी के छात्रों को सुधार के इस तंत्र का अध्ययन करने, एक केस स्टडी के रूप में प्रदर्शन और परिवर्तन करने और इसे दुनिया को दिखाने की सलाह दी।

उन्होंने खेल पारिस्थितिकी तंत्र परिवर्तन का भी हवाला दिया।

पीएम मोदी ने कहा, “आखिर क्या कारण है कि 2014 के बाद हमें खेल के हर मैदान में अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है? इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे एथलीट्स का आत्मविश्वास। आत्मविश्वास तब आता है, जब सही टैलेंट की खोज होती है। खेलो इंडिया से लेकर ओलंपिक्स पोडियम स्कीम तक ऐसे अनेक रिफॉर्म्स के चलते आज स्पोर्ट्स को ट्रांसफॉर्म होते हम अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं, अनुभव कर सकते हैं।”

उन्होंने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम को भी परिवर्तन का एक बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि जिन जिलों को कभी पिछड़ा घोषित किया गया था, वे उन जिलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं जिन्हें कभी प्रगतिशील माना जाता था।

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