नई दिल्ली : केंद्र सरकार 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 पर अमल करते हुए शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एक पहल की है। इसके तहत 22 भारतीय भाषाओं में 22 हजार किताबें तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यह काम पांच साल में पूरा करने की तैयारी है। इस परियोजना की शुरुआत दिल्ली में सोमवार को आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में हुई।
इसका लक्ष्य अनुवाद और अकादमिक लेखन के जरिए भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री को बढ़ाना देना है। यह उच्च शिक्षा मंत्रालय की भारतीय भाषा समिति और यूजीसी का साझा प्रयास है। भारतीय भाषा समिति उच्च शिक्षा मंत्रालय में उच्चाधिकार प्राप्त समिति है।
इस परियोजना की शुरुआत शिक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुकांत मजूमदार ने भारतीय भाषाओं में किताबें लिखने के लिए आयोजित कुलपतियों के एक दिन के वर्कशाप में की।इसमें 150 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए।इसका आयोजन यूजीसी और भारतीय भाषा समिति ने मिलकर किया था। इसमें अस्मिता के अलावा बहुभाषा शब्दकोशों और रियल टाइम ट्रांसलेशन आर्किट्रेक्चर की परियोजना की भी शुरुआत हुई।बहुभाषा शब्दकोशों की परियोजना सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेज और भारतीय भाषा समिति का साझा प्रयास होगा। वहीं रियल टाइम ट्रांसलेशन आर्किट्रेक्चर की परियोजना नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम और भारतीय भाषा समिति का साझा प्रयास होगा।