नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कई देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी ने दुनिया में हलचल मचा दी है। इसे लेकर चीन, मेक्सिको और कनाडा समेत कई देशों में तनाव पैदा हो गया है। ट्रंप के इस कदम पर विशेषज्ञ चिंतित हैं और इसे दुनिया में ट्रेड वॉर शुरूआत बता रहे हैं।
बता दें इसकी शुरुआत 1988 में उस समय हुई जब कैसाब्लांका फिल्म में इस्तेमाल हुए एक पियानो की नीलामी हुई थी। इस नीलामी में ट्रंप भी शामिल हुए थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। नीलामी एक जापानी ट्रेडिंग कंपनी ने जीती थी। ऑक्शन में मिली हार के बाद ट्रंप ने पहली बार टैरिफ शब्द का इस्तेमाल किया था। तब उन्होंने कहा था कि वह नीलामी में हार को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह जापान की बढ़ती संपत्ति का एक ताजा उदाहरण है। इस घटना के अगले साल ट्रंप ने एक साक्षात्कार में जापान से आयात पर 15 से 20 फीसदी टैक्स लगाने की बात कही थी।
उस वक्त ट्रंप की पहचान एक बिजनेसमैन के रूप में हुआ करती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक तब ट्रंप ने कहा था, मैं टैरिफ में बहुत विश्वास करता हूं। उन्होंने जापान, जर्मनी, सऊदी अरब और दक्षिण कोरिया के व्यापार तरीकों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका को लूटा गया है। हमें टैरिफ लगाना चाहिए और इस देश की रक्षा करनी चाहिए। ट्रंप के करीबी और इतिहासकार मानते हैं कि टैरिफ के प्रति उनका ये प्रेम 1980 के दशक में जापान से मिली इस हार के बाद ही जागा था।
वह ऐसा दौर था जब जापान को अमेरिका की आर्थिक सुपरमेसी के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में देखा गया था। 1980 के दशक में जब जापान की अर्थव्यवस्था और उसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव तेजी से बढ़ रहा था, तब ट्रंप ने जापान की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जापान में व्यापार करना कठिन है और यह शिकायत की थी कि जापानी अपने उत्पादों को अमेरिका में बेचते हैं और अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाते हैं। ट्रंप की मौजूदा चिंता उनके व्यक्तिगत अनुभव और विश्वास से जुड़ी हुई है जिसमें वह मानते हैं कि विदेशी कंपनियों ने अमेरिकी फैक्ट्रियों को तबाह कर दिया है।
बता दें कि ट्रंप ने हाल ही में कनाडा, मेक्सिको और चीन से आने वाले सामानों पर नए टैरिफ लगाए हैं। यह कदम इन देशों को अवैध प्रवासन और नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। वहीं, ये भी कहा गया कि टैरिफ ट्रंप की आर्थिक रणनीति का हिस्सा हैं। वह इस कदम के जरिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, अमेरिकी लोगों के हितों की रक्षा करने और नौकरियां बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। चुनावी प्रचार में भी ट्रंप ने कहा था कि ये टैरिफ आपके लिए कोई लागत नहीं होंगे, यह एक दूसरे देशों के लिए लागत होगी।