व्यापार सौदा बढ़ाने की उम्मीद में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ कर रहे मोलभाव

व्यापार सौदा बढ़ाने की उम्मीद में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ कर रहे मोलभाव

लंदन, | ब्रेक्सिट के बाद यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच बातचीत जारी है और अटकलें हैं कि वे एक समझौते पर सहमत होने के करीब हैं। बीबीसी ने बुधवार को बताया कि एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा है कि दोनों पक्षों में समझौते की ‘बहुत संभावना’ दिख रही है। हालांकि अभी ना तो एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए हैं और ना ही यह सील हुआ है। मछली पकड़ने के अधिकार और व्यापार प्रतियोगिता के नियमों पर विवाद अभी भी डील को अंतिम रूप देने में रुकावट बने हुए हैं।

यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने कहा, “अभी कम समय बाकी है, लेकिन अभी एग्रीमेंट की घोषणा को लेकर बातचीत प्रीमैच्योर है।”

वहीं डाउनिंग स्ट्रीट के सूत्र ने कहा कि ऐसी दूर की संभावना है कि बुधवार को एग्रीमेंट हो सकता है। बता दें कि दोनों पक्षों के पास 31 दिसंबर तक का समय है। उस दिन से ब्रिटेन यूरोपीय संघ के व्यापारिक नियमों का पालन नहीं करेगा। यदि तब तक वे एग्रीमेंट नहीं कर पाते हैं तो वे एक-दूसरे के सामानों पर आयात कर लगा सकते हैं और इससे संभावित रूप से कीमतें प्रभावित हो सकती हैं।

माना जा रहा है कि ब्रिटेन के मुख्य वार्ताकार लॉर्ड फ्रॉस्ट और यूरोपीय संघ टीम के एक वरिष्ठ सदस्य स्टेफनी रिसो की ब्रसेल्स में चर्चा चल रही है। यूरोपीय संघ के सूत्रों ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी क्रिसमस के दौरान बातचीत में आने वाली रुकावट से पहले गतिरोध को तोड़ने के प्रयास में एक-दूसरे के संपर्क में थे।

मामला इस बात पर अटका है कि ब्रिटेन 1 जनवरी से अपने पानी में मछली पकड़ने पर नियंत्रण रखना चाहता है और मौजूदा कोटा प्रणाली की तुलना में बड़ा हिस्सा चाहता है। लेकिन यूरोपीय संघ मछली पकड़ने की नई प्रणाली लाना चाहता है। साथ ही फ्रांस, स्पेन और अन्य सदस्य राज्यों की ब्रिटेन के पानी तक नावों के जरिए पहुंच बनाए रखना चाहता है।

यूरोपीय संघ के मुख्य वार्ताकार मिशेल बार्नियर ने मंगलवार को कहा था कि एक एग्रीमेंट को लेकर आखिरी प्रयास हो रहे हैं।

ब्रिटेन ने कहा है कि वह 31 दिसंबर तक बात करने के लिए तैयार है, लेकिन वह हर तरह के नतीजे के लिए तैयार है। वहीं यूरोपीय संघ के राजनयिकों ने सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो तो वह 2021 में वार्ता जारी रखना चाहेंगे।

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