यूएन पर्यावरण महासभा में महामारी की स्थिति में पर्यावरण मुद्दे पर चर्चा

यूएन पर्यावरण महासभा में महामारी की स्थिति में पर्यावरण मुद्दे पर चर्चा

बीजिंग, | पांचवां संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण ऑनलाइन महासभा 23 फरवरी को केन्या की राजधानी नैरोबी में संपन्न हुआ। 150 से अधिक देशों से आए 1500 से ज्यादा प्रतिनिधियों और 60 से अधिक देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने सम्मेलन में भाग लिया। उन सभी ने आगाह किया कि अगर प्रकृति संरक्षण के तरीकों में बदलाव नहीं किया गया, तो विश्व को नई महामारी के जोखिम का सामना करना पड़ेगा। मौजूदा सम्मेलन की थीम है प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा देना, सतत विकास को साकार करना। सभी प्रतिभागियों ने एक लचीले और समावेशी महामारी-उपरांत दुनिया के निर्माण पर चर्चा की।

सम्मेलन ने 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण महासभा की अनुवर्ती बैठक के लिए तत्पर नामक एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें सदस्य देशों ने पर्यावरणीय चुनौतियों के मुकाबले के लिए अधिक समावेशी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने का आह्वान किया। बयान में कहा गया कि मानव स्वास्थ्य और कल्याण प्रकृति पर पहले से कहीं अधिक निर्भरता है। यदि हम प्रकृति के साथ आपसी संवाद में मौजूदा अस्थिर मॉडल को बनाए रखते हैं, तो हम भविष्य में बार-बार होने वाली महामारी के जोखिमों का सामना करेंगे।

आगामी मई महीने में दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में ‘जैविक विविधता पर कन्वेंशन’ के हस्ताक्षरित पक्षों का 15वां सम्मेलन (सीओपी15) आयोजित किया जाएगा, जिसकी थीम ‘पारिस्थितिक सभ्यता : पृथ्वी पर जीवन के साझे भाग्य समुदाय की स्थापना’ है। मौजूदा पर्यावरण महासभा में भाग लेने वाले प्रतिनिधि खुनमिंग सम्मेलन पर अपेक्षा से भरे हुए हैं।

महासभा के अध्यक्ष, नॉर्वे के पर्यावरण मंत्री स्वान लोतवेन के विचार में खुनमिंग सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे जाहिर है कि पर्यावरण कूटनीति फिर भी प्रभावी है। सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों को आशा है कि एक साथ मिलकर अहम मुद्दों पर आम सहमति प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि वे चीन में इस सम्मेलन के आयोजन की प्रतीक्षा में हैं।

बता दें कि मौजूदा पर्यावरण महासभा के दौरान पाकिस्तान ने घोषणा की कि वह विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की मेजबानी के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के साथ सहयोग करेगा। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम के रूप में पारिस्थितिकी तंत्र बहाली करेगा और प्रकृति के साथ हमारे संबंधों को फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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