प्रतिबंध लगाने से किसी को डरा नहीं सकता अमेरिका

प्रतिबंध लगाने से किसी को डरा नहीं सकता अमेरिका

बीजिंग, | अमेरिकी व्हाइट हाउस ने 7 जुलाई को चीन की हांगकांग संबंधी नीति से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को धमकी देने की आड़ में हांगकांग संबंधी प्रतिबंध के कदम को लम्बा करने का एलान किया। यह बिलकुल तथ्यों का उल्लंघन है।

हांगकांग चीन का एक प्रशासनिक क्षेत्र है। हांगकांग पर चीन की केंद्र सरकार का पूरा प्रशासन करने का अधिकार है। हाल में चीन के अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा जारी एक श्वेत पत्र से जाहिर हुआ है कि दो-तिहाई अमेरिकी उद्यमों को चीन में निवेश बढ़ाने की योजना है। क्या अमेरिकी उद्यम खुद को धमकी देने वाले एक देश में पूंजी निवेश कर सकते हैं?

वास्तव में अमेरिका ने लम्बे अरसे से चीन को बदनाम करने की पूरी कोशिश की है और चीन की प्रभुसत्ता, सुरक्षा और विकास को गंभीर धमकी दी है। तथाकथित हांगकांग संबंधी पाबंदी से यह जाहिर है कि अमेरिका के कई लोग हांगकांग को बर्बाद करना चाहते हैं और चीन पर दबाव डालना चाहते हैं। उनकी साजिश अवश्य ही विफल होगी।

पिछले एक साल में चीन की केंद्र सरकार ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, हांगकांग की चुनाव प्रणाली में सुधार किया और प्रबल रूप से देश की सुरक्षा की रक्षा की, हांगकांग की सामाजिक स्थिरता की बहाली की और हांगकांग वासियों के विभिन्न अधिकारों को गारंटी दी।

हांगकांग के युवक छन यिनशिन ने हाल में यूएन मानवाधिकार परिषद की 47वीं बैठक में भाषण देते हुए कहा कि हांगकांग वासी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का स्वागत करते हैं। चूंकि यह कानून उन के सामान्य जीवन के अधिकार को सुनिश्चित करती है।

हांगकांग में निवेश को आकर्षित करने की क्षमता निरंतर प्रगाढ़ होती है। गत वर्ष हांगकांग में प्रवेश करने वाली पूंजी का पैमाना करीब 50 अरब यूएन डॉलर थी। आईएमएफ की हालिया रिपोर्ट ने फिर एक बार हांगकांग को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के स्थान की पुष्टि की है।

अमेरिका ने पाबंदी लगाने से हांगकांग को डराने की कोशिश की, लेकिन पहले यह सफल नहीं हुआ, अब और भविष्य में भी विफल होगा।

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