रक्षा विशेषज्ञों ने राय जताई है कि पाकिस्तान पर ठीक उसी तरह आतंकवाद का खतरा मंडराने लगा है, जैसी हालत 2013 के आसपास थी। 2013 में औसतन रोजाना चार आतंकवादी हमले होते थे। उस वर्ष आतंकवादी कार्रवाइयों में 2,700 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 2023 में दस साल पहले जैसी हालत दोहराई जा सकती है। इस साल के पहले तीन महीनों में लगभग 200 आतंकवादी कार्रवाइयां हुई हैं, जिनमें कम से कम 340 जानें गई हैं।
थिंक टैंक ईस्ट एशिया फोरम की तरफ से प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में जो हालात बनते दिख रहे हैं, उनकी जमीन 2022 के आखिरी तीन महीनों में ही तैयार हो गई थी। आतंकवाद के लिहाज से पिछला दिसंबर एक दशक के अंदर पाकिस्तान में सबसे घातक महीना रहा। दिसंबर में सैनिकों और पुलिसकर्मियों समेत 282 लोगों की जान गई। 2022 में पूरे साल के दौरान 973 लोग आतंकवाद की भेंट चढ़े।