नेपाल शरणार्थियों को कोविड टीका लगाने वाला एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश

नेपाल शरणार्थियों को कोविड टीका लगाने वाला एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश

काठमांडू, | नेपाल अपने राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के माध्यम से शरणार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करने वाला एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश बन गया है। काठमांडू में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, नेपाल ने 7 मार्च से देश के पूर्वी हिस्से में रहने वाले भूटानी शरणार्थियों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाना शुरू किया।

नेपाल में 7 मार्च से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में 65 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए लक्षित किया गया है। इसी के तहत झापा जिले की बस्तियों में रह रहे शरणार्थियों को टीका लगाया गया।

गौरतलब है कि 1990 के दशक से ही भूटानी शरणार्थियों का नेपाल में आना शुरू हो गया था। इनमें से ज्यादातर नेपाली बोलने वाले भूटानी थे। भूटान से भारत के रास्ते 1,00,800 से भी अधिक लोग सीमा पार कर नेपाल चले गए और पूर्वी नेपाल में शरण की गुहार करने लगे। भूटान द्वारा उन्हें वापस लेने से इनकार करने के बाद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी और कुछ पश्चिमी देशों ने उन्हें थर्ड कंट्री सेटलमेंट प्रोग्राम के तहत अपने यहां शरणार्थी के रूप में लेना शुरू कर दिया।

2007 से शुरू हुई इस योजना के तहत 1 लाख से अधिक भूटानी शरणार्थी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अन्य देशों में बस चुके हैं। और, नेपाल में लगभग 18,000 शरणार्थी रह रहे हैं। अब उन्होंने भूटानी शरणार्थियों को लेना बंद कर दिया है क्योंकि 2016 में पुनर्वास समाप्त हो गया।

27 जनवरी को भारत सरकार द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भारत-निर्मित संस्करण ‘कोविशील्ड’ की 10 लाख खुराक देने के बाद नेपाल ने अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया। पहले चरण में फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स, स्वच्छता कार्यकर्ता और सुरक्षा अधिकारियों को टीका लगाया गया था।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, शरणार्थी बस्तियों में स्थानीय अधिकारियों, शरणार्थी नेताओं और सुरक्षा अधिकारियों ने एक अस्थायी टीकाकरण केंद्र स्थापित किया और 24 मार्च तक, 65 वर्ष से अधिक आयु वाले 668 शरणार्थियों को टीका लगाया गया।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अधिक से अधिक शरणार्थियों को टीका लगाया जाएगा क्योंकि सरकार को टीकों की अतिरिक्त आपूर्ति प्राप्त हो रही है।

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