‘एक-चीन सिद्धांत को अस्वीकार करना मानो आग से खेलना है’

‘एक-चीन सिद्धांत को अस्वीकार करना मानो आग से खेलना है’

बीजिंग, | अमेरिकी सीनेट की विदेशी कमेटी ने स्थानीय समयानुसार 21 अप्रैल को 2021 सामरिक प्रतिस्पर्धा बिल पारित किया। इस बिल में 50 से अधिक बार चीन के ताइवान का उल्लेख किया गया और सार्वजनिक रूप से कहा गया कि अमेरिका को नियमित रूप से ताइवान को हथियार बेचना चाहिए, ताइवान के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में हिस्सा लेने का समर्थन करना चाहिए, यहां तक कि अमेरिका को ताइवान के साथ अन्य देशों की सरकार जैसा बराबर व्यवहार करना चाहिए। चीन के केंद्रीय हितों से संबंधित सवाल पर अमेरिकी कांग्रेस आग से खेल रही है। उसकी कार्रवाई ने चीन-अमेरिका तीन संयुक्त विज्ञप्ति और ताइवान संबंधी सवाल पर अमेरिका द्वारा चीन को दिए गए राजनीतिक वचन का उल्लंघन किया है।

विश्व में केवल एक चीन है। एक चीन का सिद्धांत सर्वमान्य अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का नियम है, साथ ही चीन की लाल रेखा भी है। ताइवान के सवाल पर चीन सरकार कभी रियायत नहीं देगी।

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी कांग्रेस की यह तथाकथित बिल ताइवान के साथ साझेदारी संबंधों को मजबूत करने को प्रेरित करती है, वास्तव में अमेरिका ताइवान को शतरंज के मुहरे के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है।

ताइवान मामला चीन की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता से संबंधित है, जो चीन-अमेरिका संबंध में सबसे अहम और संवेदनशील सवाल है। ताइवान मसले पर अमेरिका के कई राजनेताओं को चीनियों के संकल्प को कम नहीं आंकना चाहिए। यदि कोई इस लाल रेखा को पार करना चाहता है, तो उसे अवश्य ही चीन का जबरदस्त जवाबी हमला मिलेगा।

हम अमेरिका से वायदा का पालन कर खतरनाक ताइवान ताश न खेलने का आह्वान करते हैं। चीन ने कई बार जोर दिया कि चीन शांतिपूर्ण एकीकरण की खोज करने की हरसंभव कोशिश करेगा, लेकिन चीन अन्य विकल्प को नहीं छोड़ने का वचन भी दिया है। चीनी लोगों के मामले पर चीनियों द्वारा निर्णय लिया जाना चाहिए। ताइवान मामला चीन का अंदरूनी मामला है। चीन को एकता प्राप्त करनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को नहीं रोक सकता।

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