बीजिंग, | त्रासदी में त्रासदी, दुनिया के लोग। जो पहले अमेरिका की महामारी विरोधी अराजकता से स्तब्ध थे, एक बार फिर हैरान हो गये कि पिछले 10 दिनों में फ्लोरिडा में एक इमारत के ढहने में धीमा और अक्षम राहत व बचाव, और इमारत ढहने पर अमेरिकी सरकार की उदासीनता हृदयविदारक है।
अमेरिकी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2 जुलाई तक फ्लोरिडा में इमारत के ढहने से 22 लोगों की मौत हुई और 126 लोग अभी भी लापता हैं। लगभग 10 दिन बीत चुके हैं और फिर भी 126 लोग मलबे में दबे हुए हैं। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उनके बचने की उम्मीद काफी कम है। नाराज अमेरिकी नेटिजन्स ने आलोचना की कि हॉलीवुड फिल्मों में अमेरिकी नायक और अमेरिकी सरकार द्वारा गौरव समझा जाने वाली हाई-टेक क्यों एक रात में गायब हो गई? कुछ नेटिजन्स ने व्यंग्यात्मक रूप से यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सौ से अधिक लोगों की जान बचाना है, न कि सीरिया पर बमबारी करना।
खंडहरों के नीचे एक व्यक्ति कितने लंबे समय तक रह सकता है? अंतरराष्ट्रीय बचाव समुदाय मानता है कि 72 घंटे। विशेष रूप से पहले 24 घंटे जान बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन अमेरिका में लोगों को बचाने के इस नियम को नौकरशाही ने बेरहमी से कुचल दिया है।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, फ्लोरिडा में इमारत के ढहने के बाद, स्थानीय और संघीय सरकार की बचाव संसाधन अनुमोदन प्रक्रिया में 16 घंटे लग गए। हादसे के 16 घंटे बाद भी पहली राहत बचाव टीम मौके पर पहुंची और सिर्फ एक दर्जन लोग ही पहुंचे।
इमारत अचानक क्यों गिर गई? बचाव इतना धीमा क्यों है? इसके लिए कौन जिम्मेदार होना चाहिए? इन प्रमुख मुद्दों के सामने, अमेरिकी संघीय सरकार और स्थानीय सरकार ने एक बार फिर जिम्मेदारी को एक दूसरे पर थोपने का खेल खेला।
कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों ने सबसे बुनियादी मानवाधिकार, जीवन के अधिकार के सामने थोड़ी-सी भी चिंता नहीं दिखाई है। तो मानवाधिकारों की आड़ में दूसरे देशों पर उंगली उठाने के प्रति उनके पास क्या योग्यता है? जान के प्रति उनकी उदासीनता ने अमेरिकी लोगों के दिलों को ठंडा कर दिया है। यह अमेरिका का सच्चा दुख है।