भोपाल: मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुए विधानसभा के उपचुनाव में 9 स्थानों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और इसमें हारने वाले ज्यादातर उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं। यही कारण है कि चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों ने हार के कारण सिंधिया को बताए हैं। इनमें बड़ा कारण भितरघात बताया गया है।
राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हुए थे जिनमें से नौ स्थानों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और 18 स्थानों पर जीत मिली। भाजपा जिन नो स्थानों पर चुनाव हारी है उनमें सिंधिया समर्थक इमरती देवी, गिरराज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, रघुराज कंसाना प्रमुख हैं।
विधानसभा का उपचुनाव हारने वाले सिंधिया समर्थकों ने अपने हार के कारणों की एक रिपोर्ट बनाकर सिंधिया को सौंप दी है। सूत्रों की मानें तो चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें उन नेताओं के नाम भी शामिल हैं जिन पर उन्हें आशंका है कि उन्होंने चुनाव हराया है। सिंधिया की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शुक्रवार को हुई मुलाकात में हार के कारणों पर भी चर्चा हुई है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि चुनाव के दौरान और चुनाव परिणाम आने के बाद सिंधिया समर्थकों ने खुले तौर पर इस बात के आरोप लगाए थे कि उनके साथ भीतरघात हुआ है। साथ ही उनकी हार के कारणों में एक बड़ा कारण पार्टी के लोगों का साथ न मिलना बताया था। हारने वालों ने जो आरोप लगाए हैं उनमें सच्चाई भी हो सकती है। अगर यह सही है तो पार्टी को ऐसे लोगों पर कार्रवाई तो आने वाले समय में करना ही होगी।