विधायक आरिफ मसूद को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

विधायक आरिफ मसूद को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

भोपाल । फ्रांस में हुई घटना के विरोध में 29 अक्टूबर को भोपाल की मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद ने करीब दो हजार लोगों को इकट्ठा कर शहर के इकबाल मैदान प्रदर्शन किया था। आरोप है कि भीड़ को संबोधित करते हुए मसूद ने धार्मिक भावानाएं भड़काने संबंधी भाषण दिया था। शिकायत मिलने पर तलैया थाना पुलिस ने चार नवंबर को विधायक आरिफ मसूद सहित सात लोगों के खिलाफ धारा-153-ए के तहत केस दर्ज किया था। भोपाल की विशेष अदालत से जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद आरिफ मसूद की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई गई थी। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने उन्‍हें अग्रिम जमानत दे दी। उन्‍हें 50 हजार रुपये का मुचलका भरना होगा। इस मामले में छह अन्य आरोपित पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं।

दो दिन पुलिस छावनी बना रहा कोर्ट परिसर

विधायक आरिफ मसूद की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में 25 नवंबर को सुनावाई हुई थी। उस समय संभावना जताई गई थी कि यदि उन्‍हें हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलेगी तो वह भोपाल कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं। उधर पुलिस विधायक को हर हाल में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना चाहती थी। इस वजह से 25 नवंबर सुबह से ही आदलत परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। अदालत के तीन में से एक प्रवेश द्वार को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया था। अदालत के सामने के मुख्य मार्ग पर भी बैरिकेड लगाकर पुलिस तैनात कर दी गई थी। उधर हाईकोर्ट में इस मामले में फैसला सुरक्षित रख दिया था। 26 नवंबर को भी फैसला आने की संभावना को देखते हुए पुलिस सतर्क रही। 27 नवंबर को आरिफ मसूद की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और अजय गुप्ता ने विधायक आरिफ मसूद को जमानत मिलने की पुष्टि की है।

बिहार में चुनाव प्रचार करने के बाद हो गए थे भूमिगत

29 अक्टूबर को आरिफ मसूद और अन्य के खिलाफ तलैया थाने में धारा-188, 269, 270 और आपदा प्रबंध अधिनियम 51बी के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में उन्हें थाने से जमानत मिल गई थी। इसके बाद वह कांग्रेस पार्टी की तरफ से बिहार में चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो गए थे। उधर चार नवंबर को विधायक और छह अन्य के खिलाफ तलैया थाना पुलिस ने धारा-153-ए के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद विधायक मसूद भूमिगत हो गए थे।

क्या कहा था विधायक ने

विधायक आरिफ मसूद पर आरोप है कि 29 अक्टूबर को फ्रांस की घटना के विरोध में धार्मिक भावनाएं भड़काने संबंध भाषण दिया था। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला और फ्रांस का झंडा भी जलाया था। मसूद ने कहा था कि केंद्र और राज्य की हिंदूवादी सरकारों के मंत्री भी फ्रांस के कृत्य का समर्थन कर रहे हैं। सरकारों ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे। इस दौरान उन्होंने फ्रांस का झंडा और वहां के राष्ट्रपति का पुतला भी जलाया था।

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