आज अनंत चतुर्दशी है। 31 अगस्त से विराजमान गणेशजी को विदा करने का दिन। इन 10 दिनों में त्यौहार की रौनक हर राज्य, शहर और हर घर में रही। बप्पा के आने के बाद से ही बच्चे हों या बड़े-बूढ़े सभी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी नजर आती है। रोज उनकी पूजा करना, प्रसाद वितरण करना, पंडालों में अगल-अलग कार्यक्रम होना, लेकिन जैसे ही बप्पा को विदा करने का दिन आता है, एक उदासी सा माहौल छा जाता है और उनके अगले वर्ष जल्दी आने की कामना की जाती है।
वैसे तो हर राज्य में ये उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इस पर्व का अलग ही महत्व है। यहां बप्पा के आने के बाद से ही हर शहर हर घर में खुशी तो होती ही है, साथ ही पूरे राज्य में भारी भीड़ उमड़ती है। गणेश जी की बड़ी-बड़ी मूर्तियां विराजमान की जाती हैं। जुलूस निकाले जाते हैं। ये खुशहाल नजारा बप्पा के विराजमान होने से लेकर विसर्जित होने तक रहता है।