सीरत कपूर: तेलुगु दर्शकों को पता है कि मैं उन्हें कभी नहीं छोड़ूंगी

सीरत कपूर: तेलुगु दर्शकों को पता है कि मैं उन्हें कभी नहीं छोड़ूंगी

मुबंई , | तेलुगु स्टार सीरत कपूर जल्द ही अपनी आगामी फिल्म ‘मारीच’ से हिंदी फिल्मों में डेब्यू करेंगी। मुंबई की रहने वाली अभिनेत्री कहती हैं कि, हिंदी फिल्मों से जुड़ने का मतलब यह नहीं है कि मैं अपना सारा ध्यान टॉलीवुड से हटा लूंगी। सीरत की तेलुगु हिट फिल्मों में ‘राजू गरी गधी 2’, ‘टच चैसी चुडू’ और ‘कोलंबस’ शामिल हैं। सिर्फ यही नहीं उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू में दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और तुषार कपूर के साथ भी स्क्रीन स्पेस शेयर किया है।

सीरत ने बताया कि, “मेरा निश्चित रूप से हिंदी सिनेमा की ओर झुकाव है, लेकिन मैं दक्षिण के फिल्म जगत को नहीं छोड़ रही हूं। यह वास्तव में एक प्यार भरा सफर रहा है और मुझे काम करने के लिए बहुत अच्छे लोग मिले हैं। मेरे पास प्यार करने वाले दर्शक हैं जो जानते हैं कि मैं हिन्दी फिल्मों में काम कर रही हूं। इसलिए जब मैं अपने प्रशंसकों से बात करती हूं, तो वे यह नहीं कहते कि मैं उन्हें छोड़ रही हूं, उन्हें पता है कि मैं उन्हें कभी नहीं छोड़ूंगी। मुझे पता है कि मैं उनके पास वापस जाने वाली हूं और वे मेरे लिए खुश हैं। मैं सभी फिल्मी जगत में काम करने के लिए तैयार हूं और मैं इसका हिस्सा बनने के लिए आभार व्यक्त करती हूं। मैं निश्चित रूप से अच्छे कंटेंट वाली फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हूं।”

नागार्जुन, रवि तेजा और सामंथा अक्किनेनी सहित कई स्थापित तेलुगु सितारों के साथ काम करने से सीरत को दक्षिण की फिल्मों में फायदा हुआ है। जबकि कई अभिनेता अपनी पहली फिल्म को टर्निग पॉइंट कहते हैं, जबकि सीरत के लिए यह उनकी पांचवीं तेलुगु फिल्म टर्निग पॉइंट रही जो 2017 में रिलीज हुई ‘ओक्का कशनम’ थी।

उन्होंने कहा कि, “मैं खुद से इस तरह से बात नहीं करती हूं कि ‘मैं एक स्टार हूं’ या ‘मैं आ गई हूं।” जब मैं बैठकर यह सोचती हूं मैंने अपने करियर में सबसे अच्छा काम क्या किया है? तो वह फिल्म ओक्का कशनम है। इस फिल्म में मेरे कुछ ही सीन हैं लेकिन फिल्म का कंटेट और पूरी टीम के साथ बिताए गए पलों ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है, जो कि एक कलाकार के लिए जरूरी है जिससे मुझे फिल्म चुनने में आसानी होती है। मैंने उस फिल्म की तरह ही अच्छी स्क्रिप्ट चुनना शुरू किया, जो ‘कृष्णा एंड हिज लीलास’ और ‘मां विंथा गद्य विनुमा’ जैसी फिल्में हैं।

जाने-माने एक्टिंग गुरु स्वर्गीय रोशन तनेजा की पोती, सीरत कहती हैं: “तो मुझे लगता है कि यह एक मानसिक बदलाव था और मेरी समझ थी कि मैं कौन थी और क्या बनने की ख्वाहिश करती थी। आम तौर पर यह कलाकारों के लिए पहली फिल्म है लेकिन मुझे लगता है कि ‘रन राजा रन’ फिल्म से भगवान ने मेरे लिए कुछ अच्छा किया है। इस फिल्म के साथ मेरा कोई भावनात्मक पहलू नहीं जुड़ा है। मैं इसे आम इंसान की तरह ही देखती हूं कि लोगों को यह पसंद आएगी या नहीं।”

‘मारीच’ के बारे में बात करते हुए और लॉकडाउन ने कैसे चीजों को फिर से धीमा कर दिया है, इस पर सीरत कहती हैं कि “हम अभी प्रगति पर हैं क्योंकि हमें वर्तमान परि²श्य को थोड़ा नियंत्रित करना है। हम बस सरकार के इशारे का इंतजार कर रहे हैं कि वह हमें बताए कि अब हमें क्या करना है?

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