मुंबई, | करण जौहर की फिल्म निर्माण कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा उत्तरी गोवा में एक आउटडोर शूट के लिए नियुक्त किए गए लाइन प्रोड्यूसर दिलीप बोरकर ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर फिल्म की शूटिंग के बाद फैलाए गए पीपीई और अन्य बायोमेडिकल अपशिष्टों की वायरल हुई तस्वीरों के पीछे का सच जाहिर किया है। गोवा के रहने बोरकर ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि सोशल मीडिया पर तस्वीरों के वायरल होने से पहले ही मामले को संज्ञान में लिया गया था और साथ में स्पष्टीकरण भी दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तरी गोवा में अपशिष्ट निपटान प्रबंधन कंपनियों की कमी है, जहां फिल्म की शूटिंग की गई है।
उन्होंने अपने बयान में कहा, “पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर उत्तरी गोवा में कूड़े का अंबार लगे होने की तस्वीरें आ रही हैं। कूड़ा-कचरा फेंकने के लिए स्थानीय पंचायत द्वारा हमें यह जगह दी गई थी। फिल्म लाइन का प्रोड्यूसर होने के नाते फिल्म निर्माता ने मुझे कचरे के निपटान की जिम्मेदारी सौंपी थी।”
उन्होंने आगे अपने बयान में कहा, “उत्तरी गोवा, जहां शूटिंग रखी गई थी, में अपशिष्ट निपटान प्रबंधन कंपनियों की कमी है। प्राइवेट वेंडर्स की कमी अनुपलब्धता के चलते मैं पंचायत के ही कचरा उठाने वाले कर्मियों को बुलाकर शूटिंग स्थल पर जमा हुए कचरे को अलग कर उन्हें इकट्ठा कर ले जाने के पैसे दिए थे। मेरी टीम ने जागरूकता के साथ हमेशा यह सुनिश्चित किया कि स्थानीय पंचायत के नियामानुसार इस जगह की हर रोज सफाई हो।”
वह आगे कहते हैं, “एक दिन सोमवार को दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से कचरा उठाने वाला ट्रक किसी अवरोध के चलते वहां नहीं आ पाया। इसकी सूचना मिलते ही मेरी टीम ने तुरंत एक अन्य स्पेशल ट्रक किराए पर लिया और कचरे को साफ भी किया।”
बोरकर आगे कहते हैं, “मैं हर किसी से इस पर विचार करने का अनुरोध करता हूं कि कोविड-19 महामारी के दौरान हम हर संभावित बेहतर ढंग से अपने बिजनेस को चलाने का प्रयास कर रहे हैं। एक लाइन प्रोड्यूसर होने के चलते मैंने कई मशहूर फिल्म निर्माण कंपनियों के साथ काम किया है, जो शूटिंग स्थल की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए टीम की सेहत और सुरक्षा को भी प्राथमिकता देते हैं। हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से समझते हैं और जहां हम काम कर रहे होते हैं, उस जगह और वहां आसपास रहने वाले लोगों का सम्मान करते हैं।”