भोपाल : प्रदेश के निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रवेश तो ले लिया, लेकिन अब इन बच्चों को पढ़ाने से इंकार कर रहे हैं। कोविड से पहले जिन बच्चों का प्रवेश हुआ है। उनमें से कुछ स्कूलों ने बच्चों को कक्षा में प्रवेश नहीं दे रहे हैं। अब ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र में कई जिलों से ऐसी समस्याएं पहुंच रही है। इसमें अब तक प्रदेश के 500 और राजधानी के 50 निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत पहुंची है। ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र इन स्कूलों के खिलाफ पहले चरण में कारण बताओ नोटिस जारी कर बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए है। इसके बाद भी कई स्कूल मनमानी कर रहे हैं और बच्चों को पढ़ाने से इंकार कर रहे हैं। अब राज्य शिक्षा केंद्र मान्यता समाप्ति के लिए नोटिस जारी करने की तैयारी में हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों का नाम पोर्टल पर नहीं दर्शा रहा है। इस कारण भी स्कूल वाले बच्चों को निकाल रहे हैं। बता दें, कि आरटीई के तहत प्रदेश के 26 हजार स्कूलों में आरटीई के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश दिए जाते हैं। इस बार 2,78,130 सीटों के लिए 2,01252 आवेदन आए थे। इनमें से पात्र विद्यार्थियों में से 1,73,725 आनलाइन लाटरी के माध्यम से 1,39,725 बच्चों को प्रवेश के लिए सीटें आवंटित की गई है।