24 घंटे में खंगाला 9000 मोबाइल यूजर्स का डेटा, सचिन वझे को मुंबई पुलिस से बर्खास्त करने की तैयारी

24 घंटे में खंगाला 9000 मोबाइल यूजर्स का डेटा, सचिन वझे को मुंबई पुलिस से बर्खास्त करने की तैयारी

मुंबई। एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब ये बात भी सामने आ रही है कि इस केस के सॉल्व होने की बड़ी वजह एक बार गर्ल थी। दरअसल, 4 मार्च को मनसुख हिरेन के फोन पर एक वाट्सएप कॉल आया था। इस कॉल को ट्रेस करने के बाद महाराष्ट्र की एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) मुंबई की एक बार डांसर तक पहुंची और उसके जरिए क्रिकेट बुकी गोरे उनकी पकड़ में आया। इस मामले में एक और खुलासा हुआ है।

मनसुख की हत्या वाले दिन (4-5 मार्च) को 9000 मोबाइल यूजर्स का डेटा ATS ने खंगाला था। ये सभी लोग मुंबई के रेती बंदर की खाड़ी मुंब्रा से उस रात गुजरे थे। इन सब खुलासों के बीच असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वझे को मुंबई पुलिस से बर्खास्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। ये केस कारोबारी मुकेश अंबानी के घर (एंटीलिया) से 300 मीटर दूर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मिलने के बाद शुरू हुआ था। बाद में स्कॉर्पियो के 48 साल के मालिक मनसुख हिरेन की लाश रेती बंदर की खाड़ी से मिली थी। इसकी जांच सबसे पहले ATS ने शुरू की थी।

गुजरात के भुज से खरीदे गए थे 14 सिम
4 मार्च की शाम को आए वॉट्सऐप कॉल को स्कैन करने पर ATS को एक और जानकारी मिली। इस नंबर से भी मनसुख हिरेन को कॉल आया था। ये नंबर गुजरात के भुज से खरीदा गया था। दुकानदार ने ऐसे 14 सिम कार्ड नरेश गोरे को बेचने की बात बताई थी। गोरे ने इनमें से एक सिम अपनी बार डांसर दोस्त को दे दी थी। ATS ने ये कड़ी मिलाकर गुजरात से नरेश गोरे और गुजरात के ही एक होटल से विनायक शिंदे को दबोचा था।

तावड़े के फोन के बाद घर से निकले मनसुख हिरेन
मनसुख की पत्नी विमला हिरेन ने ATS को बताया था कि मनसुख को लास्ट कॉल तावड़े नाम के एक अधिकारी ने किया था। इसके बाद वे 8.30 बजे घर से निकल गए कभी नहीं लौटे। विमला ने रात 11 बजे उन्हें फोन किया तो नंबर बंद आया।

सचिन वझे को बर्खास्त करने की तैयारी शुरू
मुंबई की तलोजा जेल में बंद सस्पेंडेड API सचिन वझे को पुलिस विभाग से बर्खास्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। उसे एंटीलिया केस में गिरफ्तार किया गया था। गृह विभाग की सिफारिश पर मुंबई पुलिस एक से 2 दिन में वझे को बर्खास्त कर सकती है। उसके खिलाफ धारा 311 (2) के तहत मुकदमा चलेगा।

सचिन वझे का विवादों से पुराना नाता
सचिन वझे इससे पहले भी फेक एनकाउंटर केस में 16 साल तक सस्पेंड रहा था। 6 जून 2020 को उसे फिर से पुलिस विभाग में एंट्री मिली थी। उसे 13 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने विस्फोटक बरामदगी केस में एक्सप्लोसिव एक्ट में अरेस्ट किया था। वझे की आखिरी पोस्टिंग क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में थी।

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