हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे पेश किया

हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे पेश किया

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र की आज शुरुआत हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे के बीच इनॉमिक सर्वे पेश किया। यह दस्तावेज सरकार का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो अर्थव्यवस्था की प्रमुख चिंताओं पर भी ध्यान केंद्रित करता है। आर्थिक सर्वेक्षण का डाटा और विश्लेषण आमतौर पर केंद्रीय बजट के लिए एक नीतिगत दृष्टिकोण प्रदान करता है। वहीं बजट सत्र की शुरुआत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि  चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा।

संसद का ये संयुक्त सत्र बहुत महत्वपूर्ण: रामनाथ कोविंद 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में हो रहा संसद का ये संयुक्त सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। नया वर्ष भी है और नया दशक भी और इस वर्ष हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। 

पीएम मोदी, बोले- भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर हो चर्चा
इससे पहले  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन पहुंचकर कहा कि भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर संसद में होनी चाहिए चर्चा। उन्होंने कहा कि इस दशक का आज पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है, भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज़ादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। 

हम लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का करेंगे पालन: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने  कहा कि मुझे विश्वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश ने हमें संसद में भेजा है, हम संसद के इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते हुए, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे। 

हंगामेदार रह सकता है बजट
इस बार बजट सत्र का हंगामेदार होना तय माना जा रहा है, क्योंकि विपक्षी दलों ने तीन नये कृषि कानूनों, पूर्वी लद्दाख गतिरोध, अर्थव्यवस्था की स्थिति, महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है । बजट सत्र की शुरुआत आज सुबह राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ होगी और 1 फरवरी को बजट पेश किया जायेगा । कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। 

अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे विपक्षी दल
संसद के बजट सत्र के आरंभ होने से एक दिन पहले कांग्रेस, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस समेत देश के 18 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए संसद में होने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। कांग्रेस और 15 अन्य पार्टियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर बहिष्कार की घोषणा की तो आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान मौजूद नहीं रहने का ऐलान किया। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने फैसला किया गया है कि उसके सांसद राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुनने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में शामिल होंगे। 

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