सरकार और किसानों की बैठक जारी, कृषि मंत्री बोले- उम्मीद नतीजा अच्छा होगा

सरकार और किसानों की बैठक जारी, कृषि मंत्री बोले- उम्मीद नतीजा अच्छा होगा

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत जारी है। बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उम्मीद है इस बार नतीजे सकारात्मक होंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि उम्मीद है समाधान निकल जाए। बता दें कि किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार इसे रद्द करने की जगह इसमें संशोधन करने को तैयार है। आठवें दौर की वार्ता दिल्ली विज्ञान भवन में हो रही है।

इससे पहले चार जनवरी को हुई बैठक के बेनतीजा रहने के बाद यह बैठक अहम है। सरकार ने 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी दो मांगों को मान लिया था। इससे पहले की किसी वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी। 

किसानों की शक्ति प्रदर्शन
किसान सरकार से बातचीत के एक दिन पहले गुरुवार को अपने-अपने रुख पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर ट्रैक्टर रैलियां निकाली, जबकि केंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि वह इन कानूनों वापस लेने के अलावा हर प्रस्ताव पर विचार के लिए तैयार है। दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित केएमपी एक्सप्रेसवे पर गुरुवार को तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लगे हजारों ट्रैक्टरों के मार्च करने के बीच एक प्रमुख किसान नेता ने इसे ‘‘26 जनवरी ट्रैक्टर परेड की एक रिहर्सल बताया। भारतीय किसान यूनियन (एक्ता उग्राहन) के नेता शिंगारा सिंह मान ने कहा कि यह 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड की एक रिहर्सल थी।

किसानों ने अपना मार्च सुबह सिंघु बार्डर और टिकरी बार्डर से शुरू किया और कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे की ओर रवाना हुए तथा उसके बाद वे वापस आ गए। इसबीच, ऐसी अफवाहें भी सुनने को मिल रही हैं कि कुछ राज्यों को केंद्रीय कृषि कानूनों के दायरे से बाहर निकलने की अनुमति दी जा रही है लेकिन किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें सरकार से इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठन नेताओं के साथ सरकार की ओर से वार्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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