संगठन में रहकर समाज की सेवा की है अब नई जिम्मेदारी निभाउंगा

संगठन में रहकर समाज की सेवा की है अब नई जिम्मेदारी निभाउंगा

पिछले 30 सालों से सक्रिय राजनीति से जुड़े पूर्व कांग्रेसी नेता और समाजसेवी जय प्रकाश सिंह ने दो वर्ष पूर्व कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा में प्रवेश करने के बाद पार्टी ने उनके लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें मुम्बई भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया था, अब पुन: एक बड़ी जिम्मेदारी पार्टी द्वारा सौंपी गई है। हाल ही में घोषित की गई भाजपा मुंबई प्रदेश की नवगठित कार्यकारिणी में मुंबई के जाने-माने उद्योगपति तथा समाजसेवी जयप्रकाश सिंह को उत्तर भारतीय मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सिंह की नियुक्ति से उत्तर भारतीय समाज के लोगों में एक नया जोश देखने को मिल रहा है। अपनी नई पारी और पद को लेकर जय प्रकाश सिंह की क्या तैयारी है और उसे वह कैसे निभाएंगे, इस बारे में एब्सल्यूट इंडिया के संवाददाता धीरज सिंह ने बातचीत की।
प्रश्न: आपने कभी उत्तर भारतीयों की राजनीति नहीं की है। अब आपको उत्तर भारतीय मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। इस पद को किस तरह आप निभाएंगे ?
उत्तर: हर समय मैंने संगठन को प्राथमिता दी है। संगठन में कार्य करते हुए। समाज के हर वर्ग के बीच में मेरा संपर्क रहा है। और उत्तर भारतीय राजनीति जो वर्तमान में मुंबई शहर में है, आज जो इस मुकाम पर है। उसको और मजबूत तथा संगठित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।
प्रश्न: आप उत्तर भारतीय होने के नाते महाराष्ट्र और यहां की जनता के बारे में क्या सोचते हैं?
उत्तर: महाराष्ट्र के लोग बहुत ही संवेदनशील हैं। और यहां के लोग सभी लोगों को सहज स्वीकार करते हैं। सभी के साथ अपनत्व की भावना रखते हैं। कभी किसी को अपने से अलग महसूस नहीं होने देते। जैसे, अगर कोई उत्तर प्रदेश और बिहार का व्यक्ति पश्चिम बंगाल चले जाए तो वहां के लोग मजबूर करते थे कि वह वहां की भाषा में बात करें। महाराष्ट्र के लोग इतने अच्छे और संवेदनशील हैं कि उन्होंने हिंदी को अपना लिया कभी भी मराठी सीखने का दबाव नहीं डाला। पर मेरा यह व्यक्तिगत मत है कि जिस राज्य में रहें वहांं की भाषा जरूर सीखें ताकि हम स्थानीय लोगों की बीच पूरी तरह से मिल जुलकर रह सकें। कभी-कभी कुछ लोग राजनीति के लिए प्रांतियता को हवा देते हैं, पर महाराष्ट्र के लोग राष्ट्रीयता में विश्वास रखते हैं।
प्रश्न: क्या कारण है कि बहुत अधिक मेहनत के बावजूद उत्तर भारतीयों को मुंबई में वह सम्मान नहीं मिल पाता जो अन्य समाज के लोगों को मिलता है?
उत्तर: ऐसी बात नहीं है। मैं सहमत नहीं हूं। परंतु यह देखा गया है कि उत्तर भारतीय राजनीति में जो लोग सक्रिय और सफल हो गए हैं वह अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए नए लोगों को संरक्षण नहीं देते हैं।
प्रश्न: भाजपा एक राष्ट्रीय दल है, ऐसे में आप मुंबई के उत्तर भारतीयों के सम्मान के लिए क्या करने वाले हैं?
उत्तर: भाजपा का जो घोष वाक्य है, प्रथम राष्ट्र, द्वितीय पार्टी और तृतीय पंक्ति में स्वयं, घोष वाक्य में ही सारा रहस्य छुपा हुआ है।
प्रश्न: आप समाज को जोड़ने के लिए क्या नया करने वाले हैं?
उत्तर: समाज को जोड़ने के लिए सबसे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्ययजी ने जो सामाजिक समरसता का आह्वान किया था,उसको लेकर मैं समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जाऊंगा। सामाजिक समरसता के माध्यम से अंत्योदय जो दीनदयाल जी का सपना था,उसके तहत मैं समाज के सबसे अंतिम पायदान के व्यक्ति को जोड़ने का काम करूंगा।
प्रश्न: महाराष्ट्र से आपका नाता और जुड़ाव कैसा रहा है?
उत्तर: मेरा जन्म मुंंबई में हुआ है। मैंने पूरे राज्य का भ्रमण किया है। पार्टी के कार्यों को लेकर सब जगह जाते रहे और आगे भी यह कार्य जारी रहेगा।
प्रश्न: मुंबई में उत्तर भारतीयों के कई संगठन होने के बावजूद उत्तर भारतीय समाज की शक्ति कहीं नजर नहीं आती है ऐसा क्यों?
उत्तर: हम लोग अपने निजी स्वार्थ को त्याग देंगे तब हम संगठित होंगे और संगठित समाज की ही राजनीतिक शक्ति होती है। जब तक हम पूरी तरह से संगठित नहीं होंगे हमारी यही दशा रहेगी।
प्रश्न: मुंबई में उत्तर भारतीय विभिन्न जातियों में बंटे हुए हैं, इन्हें एकत्रित करना आपके लिए चुनौती होगी, क्या योजना है आपकी?
उत्तर: सामाजिक समरता के माध्यम से समाज के सभी तबकोंऔर वर्ग के लोगों को एक साथ जोड़ना और अपनी शक्ति बढ़ानी है।
प्रश्न: उत्तर भारतीयों का प्रतिनिधित्व विधानसभा में बढ़े इसके लिए क्या प्रयत्न होंगे?
उत्तर: सबसे पहले मुंबई मनपा और अन्य मनपा का वर्ष 2022 में चुनाव होने हैं उसमें उत्तर भारतीय और हिंदी भाषी लोगों का अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व बढ़े यही हमारा प्रयास है। अगर स्थानीय मनपा में प्रतिनिधित्व बढ़ता है तो विधानसभा में
भी बढ़ेगा।
प्रश्न: महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता में वापसी कब होगी?
उत्तर: यह तो भविष्य का विषय है। अभी हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कोरोना काल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कहीं दिखाई नहीं दिए, पर विरोधी दल के नेता के रूप में देवेंद्र फडणवीस ने पूरे राज्य का दौरा किया और उन्होंने हर समय राज्य सरकार को चेताया।
प्रश्न: पहले आप कांग्रेस पार्टी में थे,फिर आप भाजपा में शामिल हुए, आपको यहां कैसा लग रहा है?
उत्तर: यह सच है कि मैं कांग्रेस पार्टी में था। अनेकों वर्ष कांग्रेस में कार्य करने के बाद भी, मैं कांग्रेस के नेतृत्व से बहुत निराश हो चुका था। पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के कार्यों को देखने के बाद मेरा यह विश्वास प्रगाढ़ हो गया कि उनके नेतृत्व में एक सक्षम शक्तिशाली देश का निर्माण हो रहा है। वहीं ऐसा कर सकते हैं। इस विश्वास के साथ और ईशान्य मुंबई के सांसद मनोज कोटक से लगाव और उनसे मेरे रिश्ते ने ही मुझे भाजपा में आने की प्रेरणा दी। भाजपा में मुझे लाने का पूरा श्रेय मनोज कोटक को ही जाता है।

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