शिवपुरी में बाढ़ में फंसे 1000 लोग, जयपुर में 200 साल पुराना बरगद उखड़ा, बंगाल में सड़कों पर चल रही नावें

शिवपुरी में बाढ़ में फंसे 1000 लोग, जयपुर में 200 साल पुराना बरगद उखड़ा, बंगाल में सड़कों पर चल रही नावें

नई दिल्ली। बारिश और बाढ़ की वजह से देश के कई इलाकों में लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई बारिश की वजह से हुए हादसों में 4 लोगों की मौत हो गई। उधर पटना में एक छोटा बांध टूटने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया। दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से 100 झुग्गियां खाली करवाने के आदेश दिए गए हैं। उधर बंगाल के कई इलाकों में सड़कों पर नावें चल रही हैं।

मध्य प्रदेश: श्योपुर-शिवपुरी में NDRF ने संभाला मोर्चा
ग्वालियर-चंबल अंचल में सोमवार को जमकर बारिश हुई। बारिश के चलते कूनो, क्वारीं, पार्वती, महुअर और सांक नदी उफान पर हैं। वहीं चंबल का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। कोटा बैराज से 5 हजार क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया है। इसके चलते आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सब तरफ हालात पानी-पानी हैं। शिवपुरी और श्योपुर जिले में स्थिति ज्यादा खराब है।

श्योपुर में दो ठिकानों पर पानी में फंसे 100 लोगों को राहत और बचाव दल ने सकुशल बाहर निकाल लिया, वहीं शिवपुरी के कोलारस में बाढ़ में फंसे करीब 1000 लोगों को बचाने के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) के साथ तीन हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। यहां दो गांवों के हालात ज्यादा खराब हैं। भिंड, मुरैना और शिवपुरी में बारिश के चलते मकान गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 6 लोग घायल हो गए।

राजस्थान: 2 घंटे की बारिश में जयपुर की सड़कें बनीं दरिया
जयपुर में सोमवार शाम 6 बजे से हुई तेज बारिश के चलते चौड़ा रास्ता स्थित गोलछा सिनेमा के पास 200 साल पुराना बरगद का पेड़ जड़ समेत उखड़ गया। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। 3 कारें भी पेड़ के नीचे दब गईं, वहीं चाय की एक दुकान भी इसकी चपेट में आ गई।

शहर में सोमवार को 2 घंटे में हुई 3.6 इंच बारिश से सड़कें दरिया बन गईं और दुकानों में पानी भर गया। ऐसा हाल जौहरी बाजार, चांदपोल बाजार, गणगौरी बाजार, किशनपोल बाजार, सिरह ड्योढ़ी बाजार और चांदी की टकसाल पर देखने को मिला।

पश्चिम बंगाल: एयरफोर्स रेस्क्यू में जुटी
बंगाल के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों को एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर्स से रेस्क्यू किया जा रहा है। हुगली जिले के कई इलाकों में घरों में पानी भरने की वजह से लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं। कई जगह सड़कें पानी में पूरी तरह डूबी हुई हैं। ऐसे में लोग आवाजाही के लिए नावों का सहारा ले रहे हैं।

वहीं फतुहा प्रखंड इलाके में बहने वाली बरसाती नदियों ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। धोवा नदी ने जहां फोरलेन से सटे नियाजीपुर, बुद्धदेवचक, मोमिंदपुर, बरुणा व बलवा, सोनारू, सुपनचक, भिखुआ समेत कई गांवों को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है, वहीं मासाढ़ी पंचायत के सौतेली, बिंदौली, बीबीपुर दौलतपुर गांव को कररुआ और भुतही नदी ने चपेट में लेकर सैकड़ों बीघा धान की फसल को डुबो दिया है।

बिहार: पटना जिले में बांध टूटा
पटना जिले में बाढ़ का संकट गहरा गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से कुर्जी मोड़ के पास स्थित बिंद टोली का संपर्क टूट गया है। दरधा नदी का पानी कोल्हाचक, सतपरसा, गुलरिया बिगहा, रूपसपुर आदि इलाकों में तटबंध से ऊपर बह रहा है। पालीगंज की लोआई नदी पर एक छोटा बांध टूट गया, जिसके चलते कुछ घरों का रास्ता बंद हो गया है।

दिल्ली: 100 से ज्यादा झुग्गियों के डूबने का खतरा
दिल्ली में हो रही बारिश और मुख्य रूप से हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण से दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान को पार कर गया था। ऐसे में नदी के आसपास की झुग्गियां को खाली कराकर लोगों को कैंपों में शिफ्ट करने के आदेश दिए गए हैं। यमुना के आसपास 100 से ज्यादा झुग्गी बस्तियां हैं।

हिमाचल प्रदेश: 218 सड़कें पूरी तरह बंद
राज्य में हो रही लगातार बारिश से सोमवार को एक और व्यक्ति की मौत हो गई। शिमला में एक व्यक्ति नदी में बह गया। प्रदेश में मानसून के दौरान अब तक 214 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 110 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं। मौसम विभाग ने एक सप्ताह तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है। प्रदेश में हो रही बारिश के चलते 218 सड़कें पूरी तरह से बंद है।

मानसून की विदाई के बाद भी बारिश के आसार
इस बार मानसून की विदाई के बाद भी अक्टूबर से दिसंबर के दौरान अच्छी बारिश हो सकती है। इस दौरान ला-नीना तूफान उभरने की अच्छी परिस्थितयां बनने की संभावना है। IMD ने कहा है कि मानसून मॉडल ने अगस्त में 94% से 104% बारिश के संकेत दिए हैं। वहीं अगस्त-सितंबर को मिलाकर 100% बारिश की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website