नई दिल्ली: सीबीआई ने बुधवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद से जुड़े जमीन के बदले नौकरी देने के घोटाले के सिलसिले में दूसरी गिरफ्तारी की। आरोपी की पहचान रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी के रूप में हुई है।
इससे पहले सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे।जांच के दौरान एक किंगपिन (मुख्य साजिशकर्ता) के रूप में भोला की भूमिका सामने आई है। सीबीआई आरोपियों के चार स्थानों- पटना में दो और दरभंगा में दो- पर तलाशी अभियान चला रही है।भोला और चौधरी दोनों को बाद में राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई दोनों आरोपियों की दो सप्ताह की हिरासत की मांग कर सकती है।मई में, जांच एजेंसी ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के परिसर से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे। सीबीआई ने मई में 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिनमें अज्ञात सरकारी कर्मचारी और निजी व्यक्ति भी शामिल हैं।
दरअसल, यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे, उस समय नौकरी के बदले जमीन देने के लिए दबाव बनाया जाता था। यह भी आरोप है कि इस तरह के अवैध काम को अंजाम देने के लिए मुख्य साजिशकर्ता भोला यादव को ही जिम्मेदारी दी गई थी।
एक अधिकारी ने कहा, “2004-2009 की अवधि के दौरान, यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप ‘डी’ पोस्ट में नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन की संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।”