नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे कैबिनेट का विस्तार करेंगे। आज कुल 43 मंत्री शपथ लेंगे। शपथ से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए बनने वाले मंत्रियों के साथ बैठक की है। पीएम आवास पर हुई इस मीटिंग में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सर्बानंद सोनोवाल सभी संभावित मंत्री शामिल हुए। मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष मौजूद थे।
आज शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में से 24 नए नाम फाइनल हो चुके हैं। नियमों के मुताबिक, मोदी मंत्रिमंडल में अधिकतम 81 मंत्री रह सकते हैं। अभी मंत्रिमंडल में कुल 53 मंत्री थे। इस लिहाज से 28 मंत्रियों के शामिल होने की गुंजाइश थी। 11 मौजूदा मंत्रियों के इस्तीफे के बाद मोदी 39 मंत्रियों को शामिल कर सकते हैं। आज जिन 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी, उनमें कुछ मौजूदा राज्यमंत्री भी होंगे, जिन्हें कैबिनेट में प्रमोट किया जाएगा।
11 मंत्रियों का इस्तीफा, हर्षवर्धन को ले डूबा कोरोना
इधर, विस्तार से पहले पुराने मंत्रियों के इस्तीफे का सिलसिला भी शुरू हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के वक्त चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं उनके इस्तीफे की वजह बनीं। इधर, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को ही इस्तीफा दे दिया था। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। सभी को मिलाकर कुल 11 मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है।
इस्तीफा देने वाले मंत्री
थावरचंद गहलोत (सामाजिक न्याय मंत्री)
डॉ. हर्षवर्धन (स्वास्थ्य मंत्री)
रमेश पोखरियाल निशंक (शिक्षा मंत्री)
अश्विनी चौधरी (स्वास्थ्य राज्य मंत्री)
देबोश्री चौधरी (महिला बाल विकास मंत्री)
सदानंद गौड़ा (उर्वरक और रसायन मंत्री)
संतोष गंगवार (श्रम राज्य मंत्री)
संजय धोत्रे (शिक्षा राज्य मंत्री)
बाबुल सुप्रियो
प्रताप सारंगी
रतन लाल कटारिया
कई राज्यमंत्री प्रमोट होंगे
कैबिनेट रीशफल में कई राज्यमंत्रियों को प्रोमोट किया जा सकता है। इनमें अनुराग ठाकुर, जीके रेड्डी, मनसुख मांडवया, किरन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और पुरषोत्तम रूपाला के नाम शामिल हैं।
अभी सिंधिया, अनुप्रिया समेत 24 नाम तय
माना जा रहा है कि बदलाव के बाद ये मोदी की सबसे युवा और टैलेंटेड टीम होगी। मोदी के मंत्रिमंडल में आज शामिल होने वाले मंत्रियो में 12 अनुसूचित जाति, 8 आदिवासी और 27 पिछड़े वर्ग से हो सकते हैं। इस कैबिनेट की तस्वीर भी करीब-करीब साफ हो चुकी है। शपथ के लिए राष्ट्रपति भवन से शाम 6 बजे का निमंत्रण भेजा गया है। इससे पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुप्रिया पटेल, नारायण राणे, हिना गावित, सुनीता दुग्गल, पशुपति पारस, मीनाक्षी लेखी समेत कई नेताओं के प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचने का सिलसिला जारी है।
टीम मोदी के नए चेहरे
- ज्योतिरादित्य सिंधिया
- सर्बानंद सोनोवाल
- पशुपति नाथ पारस
- नारायण राणे
- भूपेंद्र यादव
- अनुप्रिया पटेल
- कपिल पाटिल
- मीनाक्षी लेखी
- राहुल कास्वां
- अश्विनी वैष्णव
- शांतनु ठाकुर
- विनोद सोनकर
- पंकज चौधरी
- आरसीपी सिंह (JDU)
- दिलेश्वर कामत (JDU)
- चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी (JDU)
- रामनाथ ठाकुर (JDU)
- राजकुमार रंजन
- बी एल वर्मा
- अजय मिश्रा
- हिना गावित
- शोभा करंदलाजे
- अजय भट्ट
- प्रीतम मुंडे
सियासी समीकरणों से इकोनॉमी तक पर नजर
प्रधानमंत्री मोदी का फोकस यंग टीम के साथ कोरोना महामारी और खराब होती अर्थव्यवस्था का मैनेजमेंट बेहतर करना है। हालांकि, अगले साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासी समीकरणों का ध्यान रखा गया है, पर इसमें टैलेेंट का बैलेंस भी रखा गया है।
कभी अटल के करीबी रहे अश्विनी वैष्णव
मैनेजमेंट के महारथी ओडिशा से भाजपा सांसद और पूर्व IAS अश्विनी वैष्णव का मंत्री बनना तय है। उन्हें वित्त राज्य मंत्री या ऐसा ही कोई अहम जिम्मा सौंपा जा सकता है। वे IIT ग्रैजुएट हैं। व्हार्टन से MBA हैं और उद्यमी भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे अटल बिहारी वाजपेयी के समय PMO में भी काम कर चुके हैं। वाजपेयी के करीबी भी थे।
लीडर से पहले बैंकर रहे ज्योतिरादित्य को मिलेगी अहम जिम्मेदारी
सिंधिया को मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने का इनाम दिया जा सकता है। उन्होंने न केवल कांग्रेस छोड़ी, बल्कि अपने करीबी दोस्त राहुल गांधी का भी साथ छोड़ दिया, जिनसे उनके करीबी पारिवारिक रिश्ते भी थे। साथ में 22 विधायक भी लाए और इससे राज्य में भाजपा की सरकार बनी। उनका मोदी कैबिनेट में शामिल होना ऐतिहासिक होगा। वे अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
उन्हें एक संभावित काबिल मंत्री के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिनकी ग्लोबल अपील है। राजनीति में आने से पहले वे बेहद सफल बैंकर भी रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें विभाग भी अहम ही दिया जाएगा। साथ ही भाजपा का एक और लक्ष्य भी पूरा होगा। उन्हें कैबिनेट में शामिल किए जाने से राहुल गांधी और उनकी लीडरशिप क्षमताओं पर भी गहरी चोट लगेगी।
सर्बानंद सोनोवाल 2014 में भी मोदी टीम का हिस्सा रहे
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल ने हेमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ किया। उनके मोदी से रिश्ते भी काफी अच्छे हैं। असम का CM बनने से पहले वो 2014 मोदी कैबिनेट में भी थे। उन्हें खेल और युवा मंत्रालय दिया गया था।
पशुपति पारस की एंट्री से नाराज हो सकते हैं हनुमान
लोजपा को दो हिस्सों में बांटने वाले पशुपति पारस मंत्री बनाए जाएंगे। मोदी सरकार के लिए यहां बैलेंस थोड़ा मुश्किल है। पारस को शामिल करने से उनका गुट तो संतुष्ट हो जाएगा, लेकिन खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग नाराज हो सकते हैं।
करप्शन में घिरे राणे लंबे अरसे से देख रहे मंत्री बनने की राह
नारायण राणे लंबे समय से केंद्र में मंत्री बनने को बेताब भी हैं। उन्हें अमित शाह का करीबी माना जाता है। हालांकि, उनके मोदी कैबिनेट में शामिल होने से महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के कई नेता नाराज हो सकते हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ करप्शन के भी आरोप हैं। ये आरोप तक लगे थे, जब वे महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार के दौरान रेवेन्यू मिनिस्टर थे।