महाराष्ट्र वसूली कांड पर फडणवीस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, बोले- CM ठाकरे की चुप्पी चिंताजनक

महाराष्ट्र वसूली कांड पर फडणवीस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, बोले- CM ठाकरे की चुप्पी चिंताजनक

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडनवीस ने आरोप लगाया है कि राज्य में भ्रष्टाचार के इतने मामले सामने आने के बावजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अभी तक एक भी बयान नहीं दिया है। फडनवीस के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। फडनवीस ने ज्ञापन सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र सरकार हफ्ता वसूली वाली सरकार है।

सीएम उद्धव से भ्रष्टाचार के आरोपों पर मांगे जवाब
उन्होंने कहा कि वसूली और तबादले का भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारियों का तबादला कर दिया गया और जो लोग इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ ठाकरे ने एक भी शब्द नहीं कहा। उन्होंने नैतिकता को पैरों तले कुचल दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने दो बार संवाददाताओं से बात की लेकिन वह सिर्फ अपने मंत्रियों को बचाते रहे। उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि क्या उसे वसूली में से हिस्सा मिल रहा है, जिसके कारण वह चुप है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पर बैठे हुए कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें सारी जानकारी दे दी गयी है। उन लोगों ने राज्यपाल से मांग की है कि वह मुख्यमंत्री से भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब मांगे और उनके जवाब के आधार पर कारर्वाई करें। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार मनमाने तरीके से सरकार चला रही है और जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है। यदि यह सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती तो भाषण देने की बजाय कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए काम करती। सरकार के ढीले रवैये के कारण महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना वायरस के मरीज बढ़ रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल में फडनवीस के अलावा सर्वश्री सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत पाटिल, मंगल प्रभात लोढ़ा और राधाकृष्ण पाटिल आदि शामिल थे।

शरद पवार को देशमुख के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई: फडणवीस
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई। फडणवीस ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी दावा किया कि राज्य में महा विकास आघाडी सरकार ने राज्य के खुफिया विभाग की एक ठोस रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में हुई बातचीत का ऑडियो था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा, वीआईपी लोगों के आवागमन संबंधी पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को मुंबई में सह्याद्री अतिथि गृह और 24 फरवरी को मंत्रालय गए थे। उन्होंने कहा, देशमुख 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच घर पर पृथक-वास में थे लेकिन अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे। मुझे लगता है कि पवार साहब को कल ठीक से इसके बारे में नहीं बताया गया।

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