भड़कीं बंगाल की सीएम ममता, PM मोदी को 30 मिनट इंतजार कराया

भड़कीं बंगाल की सीएम ममता, PM मोदी को 30 मिनट इंतजार कराया

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चुनाव के वक्त से शुरू हुई केंद्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तनातनी अब तक जारी है। शुक्रवार को यास तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंचे तो ममता उनकी रिव्यू मीटिंग में समय से नहीं पहुंची। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे मीटिंग में शुभेंदु अधिकारी को बुलाए जाने से नाराज थीं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से लड़ीं ममता शुभेंदु से हार गई थीं।

उन्होंने कहा कि यदि शुभेंदु अधिकारी बैठक में शामिल हो रहे हैं तो उनका जाना मुश्किल है। सूत्रों के अनुसार, ममता और चीफ सेक्रेटरी एक ही परिसर में होने के बावजूद बैठक के लिए 30 मिनट की देरी से पहुंचे।

मोदी और ममता के बीच 15 मिनट मुलाकात
इस दौरान ममता ने PM मोदी से मुलाकात कर तूफान से हुए नुकसान की प्राइमरी रिपोर्ट सौंपी। दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट बात हुई। यह मुलाकात पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में कलाईकुंडा में हुई। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने PM मोदी को राज्य की स्थिति और तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों के बारे में जानकारी दी। ममता खुद भी शनिवार को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगी।

बाद में ममता ने कहा कि PM ने मीटिंग बुलाई थी। हमें नहीं पता था कि दीघा में मेरी मुलाकात थी। मैं कलाईकुंडा गई और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट दी। साथ ही दीघा और सुंदरबन के विकास के लिए 10 और 20 हजार करोड़ रुपए की मांग की। मैंने उनसे कहा कि राज्य के अधिकारी मुझसे मिलना चाहते हैं। मैंने उनकी अनुमति ली और चली आई।

एक हजार करोड़ का राहत पैकेज
केंद्र सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए एक हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इनमें तुरंत राहत के लिए 500 करोड़ ओडिशा को और 500 करोड़ रुपए बंगाल-झारखंड को दिए जाएंगे। यह रकम नुकसान के आधार पर दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने तीनों राज्यों को भरोसा दिया कि केंद्र सरकार इस मुश्किल वक्त में हर संभव मदद करेगी।
केंद्र प्रभावित राज्यों में नुकसान का जायजा लेने के लिए एक इंटर मिनिस्ट्रियल टीम भेजेगा। साथ ही तूफान से तबाह हुए बुनियादी ढांचे को दोबारा तैयार करने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा सरकार की ओर से तूफान से निपटने के लिए की गई तैयारियों की तारीफ की, जिससे कम से कम जानमाल का नुकसान हुआ है। हालांकि, उन्होंने बंगाल का जिक्र नहीं किया।

राहत पर राजनीति हावी
सूत्रों के मुताबिक, PM के दौरे के समय ममता का व्यवहार केंद्र को रास नहीं आया है। इस पर सरकार की ओर से कोई बयान तो सामने नहीं आया है, लेकिन अंदरखाने पूरे घटनाक्रम को ओछी राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि समुद्री तूफान ने पूरे ओडिशा और पश्चिम बंगाल को प्रभावित किया है। इसलिए जरूरी है कि सभी जनप्रतिनिधि मिलकर लोगों तक तेज और प्रभावी मदद पहुंचाएं।
इस लिहाज से प्रधानमंत्री की बैठकों में ओडिशा और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों के अपोजिशन लीडर को बुलाया गया था। ओडिशा के नेता प्रतिपक्ष कोरोना से उबर रहे हैं। इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं हो पाए। शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। इसलिए उन्हें बैठक में बुलाया गया था। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से भी बैठक में शामिल होने के लिए संपर्क किया गया था। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली में हैं, इसलिए शामिल नहीं हो पा रहे हैं।

ओडिशा के CM के साथ की समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री मोदी पहले ओडिशा पहुंचे। भुवनेश्वर में उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ यास के प्रभाव पर बैठक की। इस बैठक में राज्यों के आला अफसर भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री को बताया गया कि चक्रवात से सबसे ज्यादा नुकसान ओडिशा में हुआ है। पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए हैं।

ओडिशा और बंगाल का एरियल सर्वे किया
साइक्लोन यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के भद्रक और बालेश्वर जिलों और पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर का हवाई सर्वे किया। इन जिलों में ही तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। इधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि सुबह 5 बजे के आसपास बिहार और उससे सटे झारखंड के इलाके में तूफान का असर कम हो गया है।

सामान्य जीवन जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश
इससे पहले गुरुवार को तूफान के प्रभाव को लेकर प्रधानमंत्री ने एक रिव्यू मीटिंग की थी। आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया कि मीटिंग में कई पहलुओं पर चर्चा हुई। इसमें बताया गया कि NDRF की 106 टीमों को बंगाल और 46 टीमों को ओडिशा में तैनात किया गया था। इस दौरान 1000 से ज्यादा लोगों को बचाया और 2500 से ज्यादा पोल और पेड़ को हटाया। इनकी वजह से सड़कें जाम हो गईं थी।
मीटिंग में बताया गया कि अधिकतर इलाकों में दूरसंचार और बिजली की सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। मीटिंग में PM ने कहा कि केंद्र और राज्यों में एजेंसियों ने तूफान की चुनौतियों से निपटने में प्रभावी और सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने एजेंसियों को प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए।

दोनों राज्यों में 21 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
बंगाल और ओडिशा में तूफान की वजह से 21 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बारिश और घरों के टूटने की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई। इनमें 3 ओडिशा और एक बंगाल से है। पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा, शंकरपुर, मंदारमनी दक्षिण 24 परगना जिले के बाद बकखाली, संदेशखाली, सागर, फ्रेजरगंज, सुंदरबन आदि जगहों से लेकर पूरे बंगाल में 3 लाख लोगों के घर इस तूफान से उजड़ गए। 134 बांध भी टूट गए हैं, जिन्हें ठीक करवाया जा रहा है।

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