नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम के माध्मय से देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने आपातकाल पर बात की। प्रधानमंत्री ने कहा, आपातकाल के दौरान भारत के लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा तक नहीं जा सकता था। इसके बावजूद भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही आपातकाल को हटाकर वापस लोकतंत्र की स्थापना की। तानाशाही की मानसिकता को, तानाशाही की वृति-प्रवृत्ति को लोकतांत्रिक तरीके से पराजित करने का ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है।
प्रधानमंत्री ने कहा, इमरजेंसी के दौरान लोगों के संघर्षों का गवाह रहने का सौभाग्य मुझे भी मिला। आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो हमें आपातकाल के भयानक दौर को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, लोगों के जीवन का अधिकार छीना गया था। इसके बावजूद लोगों ने लोकतंत्र में विश्वास को नहीं खोया।