नक्सली हमला: शहीद जवानों की संख्या बढ़कर हुई 22, एक सुरक्षाकर्मी लापता

नक्सली हमला: शहीद जवानों की संख्या बढ़कर हुई 22, एक सुरक्षाकर्मी लापता

नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में 22 जवानों के शहीद होने की जानकारी मिली है। सुरक्षा बलों ने लापता 17 जवानों का शव बरामद कर लिया है। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया सुरक्षा बलों ने आज घटनास्थल से लापता 17 जवानों का शव बरामद किया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें पांच जवानों के शहीद होने और 30 अन्य जवानों के घायल होने की जानकारी मिली थी।

22 जवानों का शव बरामद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शहीद जवानों में से दो जवानों का शव सुरक्षा बलों ने बरामद किया था तथा तीन अन्य जवानों के शव शिविर नहीं लाए जा सके थे। वहीं इस घटना के दौरान 18 अन्य जवानों के लापता होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया कि लापता जवानों की तलाश में आज सुरक्षा बलों को रवाना किया गया था। सुरक्षा बलों ने शनिवार को शहीद तीन जवानों के शवों तथा 17 अन्य जवानों (कुल 20 जवानों) के शवों को बरामद कर लिया है। उन्होंने बताया कि एक जवान की तलाश की जा रही है, अभी तक घटना में शहीद हुए 22 जवानों का शव बरामद किया गया है।

शाह ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
वहीं इससे पहले अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि मैं छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए हमारे वीर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को नमन करता हूं। राष्ट्र उनके शौर्य को कभी नहीं भूलेगा। मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। हम शांति और प्रगति के इन दुश्मनों (नक्सलियों) के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।।

पीएम मोदी ने जताया दुख
पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा था कि सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मेरी संवेदनाएं छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ते हुए शहीद होने वाले जवानों के परिवारों के साथ हैं। वीर शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। घायलों के शीघ्र स्वास्थ होने की कामना है। राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने बताया कि बीजापुर और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षा बल के पांच जवान शहीद हो गए हैं तथा 30 अन्य जवान घायल हैं।

तीन घंटे चली थी मुठभेड़
पुलिस सूत्रों ने सुबह बताया कि मुठभेड़ स्थल यहां से लगभग 75 किलोमीटर दूर है और वहां से अब भी अनेक जवानों के लौटने का इंतजार है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर और पामेड़ से तथा सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार दोपहर लगभग 12 बजे बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर सुकमा जिले के जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के करीब नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन तथा तर्रेम के सुरक्षा बलों के मध्य मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ तीन घंटे से अधिक समय तक चली।

नक्सलियों को भी काफी नुकसान होने की खबर
मुठभेड़ में कोबरा बटालियन का एक जवान, बस्तरिया बटालियन के दो जवान तथा डीआरजी के दो जवान (कुल पांच जवान) शहीद हो गए। इस दौरान 30 जवान घायल हुए हैं। घायल जवानों में से सात जवानों का रायपुर के अस्पताल में तथा 23 जवानों का इलाज बीजापुर के अस्पताल में किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से एक महिला नक्सली का शव बरामद किया है। मुठभेड़ में नक्सलियों को भी काफी नुकसान होने की खबर है।

मार्च में भी नक्सलियों ने जवानों पर बोला था हमला
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुठभेड़ में पांच जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त किया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। हमारे जवानों ने शौर्य का परिचय देते हुए नक्सलियों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। नक्सलियों के विरूद्ध सुरक्षा बल और भी तेजी से अभियान चलाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस घटना में घायल जवानों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस वर्ष मार्च माह की 23 तारीख को नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट कर बस को उड़ा दिया था। इस घटना में बस में सवार डीआरजी के पांच जवान शहीद हो गए थे।

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