देवरिया। देवरिया जिले में मानसून की दस्तक और करीब एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही झमाझम बारिश से नदी- नाले उफान पर हैं। सरयू नदी खतरे के निशान पर बहने लगी है तो राप्ती और गोर्रा खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। शनिवार को सरयू नदी में 12 घंटे में 40 सेंटीमीटर की बढ़त दर्ज की गई। जलस्तर में निरंतर हो रहे इजाफा से तटवर्ती गांवों में हड़कंप है। अधिकारियों ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा करते हुए चौकियों को अलर्ट कर दिया है।
सरयू नदी में करीब एक सप्ताह से सैलाब उमड़ रहा है। नदी का पानी सीढ़ियों पर पहुंच गया है। जलस्तर खतरे के निशान 66.50 पर पहुंच गया है। नदी इन दिनों तेजी से खेतों के रास्ते गांवों की ओर बढ़ रही है। कटइलवा से कपरवार संगम तट पर बन रहे ड्रीम प्रोजेक्ट पर नदी दबाव बनाने लगी है। जबकि राप्ती में उफान के कारण भदिला प्रथम गांव मैरुंड हो गया है। जिससे गांव के लोगों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है।
एसडीएम संजीव कुमार यादव ने सीओ देव आनंद, तहसीलदार सतीश कुमार, नायब तहसीलदार जितेंद्र सिंह, जेई नागेंद्र प्रताप सिंह और इंस्पेक्टर टीजे सिंह आदि के साथ थाना घाट के अलावा बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया। अधिकारियों ने निगरानी के लिए बनाई गई 12 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। थाना घाट पर पहुंचे एसडीएम को गोविंद नारायण त्रिपाठी ने प्रार्थना पत्र देकर पैर टूटने की वजह से स्टीमर संचालन में असमर्थता जताई। एसडीएम संजीव कुमार यादव ने बताया कि सरयू का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। सभी चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है।
शनिवार को राप्ती और गोर्रा नदियों के जलस्तर में 40 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। चार दिनों में पांच मीटर बढ़ा नदी का जलस्तर बंधों पर दबाव बना रहा है। रुद्रपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रही है। वहीं गोर्रा डेंजर लेवल से करीब एक मीटर नीचे रह गई है। गोर्रा नदी 69.30 मीटर और राप्ती नदी 69 मीटर पर पहुंच गई है।
नदी का जलस्तर बढ़ने से सचौली पटवनिया गांव के पास बने रेगुलेटर दोआबा क्षेत्र में उल्टा पानी चढ़ने लगा है। रेगुलेटर में रिसाव से दोआबा में सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि के डूबने का खतरा है। वहीं राप्ती नदी भेड़ी, हड़हा, माझा नारायण, नीबा मठिया, गायघाट और केवटिया के पास तिघरा मराछी बांध पर कटान कर रही है। गोर्रा नदी पिड़री, सिलहटा, करनपुरा, ईश्वरपुरा, पांडेयमाझा, सुल्तानी, नरायनपुर, बहोरादलपतपुर, सरमोहना, तलसपुरवा, सितलमाझा, माझाभीमसेन में तेजी से कटान कर रही है। इस बाबत एसडीओ दीनदयाल दुबे ने कहा कि कटान स्थलों पर निरोधात्मक कार्य तेजी से चल रहा है। वर्तमान जलस्तर से बांध को कोई खतरा नहीं है। सभी बांध सुरक्षित हैं।
बाढ़ के प्रति तहसील प्रशासन सतर्क: तहसीलदार
शनिवार दोपहर तीन बजे तुर्तीपार रेगुलेटर पर नदी का जलस्तर 63 मीटर 90 सेंटीमीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे है। खतरे का निशान 64 मीटर 30 सेंटीमीटर है। केंद्रीय जल आयोग तुर्तीपार कार्यालय के अनुसार हफ्ते दिन से हो रही बारिश की वजह से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। अगले 48 घंटे तक नदी में बढ़ोतरी का अनुमान है। बरहज के तहसीलदार जितेंद्र सिंह ने बताया कि बाढ़ को लेकर तहसील प्रशासन सतर्क है। बीजीएम कॉलेज भागलपुर, जूनियर हाई स्कूल मईल, इंटर कॉलेज तेलिया, प्राइमरी स्कूल मौना को बाढ़ राहत चौकी बनाई गई है जिसमें तहसील कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।