जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास: पीएम बोले- पहले यूपी को सिर्फ ताने मिलते थे, अब यह उत्तर भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा

जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास: पीएम बोले- पहले यूपी को सिर्फ ताने मिलते थे, अब यह उत्तर भारत का लॉजिस्टिक गेटवे बनेगा

ग्रेटर नोएडा। जेवर में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया। 6200 हेक्टेयर में यह एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। खास बात यह कि यह प्रदूषण से मुक्त होगा और यूपी का पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। प्रधानमंत्री एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद प्रदर्शनी देखी। इसमें एयरपोर्ट की विकास यात्रा के बारे में फिल्म भी दिखाई गई। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के चलते पुलिस आज सुबह से ही सतर्क रही। पीएम मोदी ने शिलान्यास के बाद जनता को संबोधित किया

हम राष्ट प्रथम की भावना पर चलते हैं- पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं। यूपी और देश के लोग गवाह हैं कि बीते कुछ हफ्तों में विपक्षियों द्वारा कैसी राजनीति हुई लेकिन देश विकास के रास्ते पर नहीं रुका। इसी महीने की शुरुआत में 2070 तक नेट जीरो की घोषणा की है। यूपी में एक साथ नौ मेडिकल कॉलेज की शुरुआत कर नई इबारत लिखी है। महोबा और झांसी में भी कई काम हुए। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी यूपी को समर्पित किया गया। इसी महीने महाराष्ट्र के पंडरपुर में सैकड़ों किलोमीटर के हाईवे का उद्घाटन किया गया। हमारे राष्ट्रभक्ति के सामने कुछ राजनीतिक दलों की कामनाएं टिक नहीं सकतीं। यही प्रगति हमें आगे ले जाएगी।

यूपी की इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी यूपी को नई पहचान दे रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी की इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी यूपी को नई पहचान दे रहा है। आने वाले दो तीन सालों में पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा। पिछली सरकारों ने कैसे पश्चिमी यूपी के विकास को नजरअंदाज किया उसका एक उदाहरण जेवर एयरपोर्ट भी है। दो दशक पहले राज्य की भाजपा सरकार ने इसका सपना देखा लेकिन बाद की सरकारों ने इसे फंसाए रखा। एक सरकार ने तो लिखित में केंद्र को दिया था कि इस एयरपोर्ट का काम बंद किया जाए। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने इस सपने को साकार किया। पीएम ने कहा कि हम चाहते तो 2017 में ही यहां आकर शिलान्यास कर देते लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। पहले सरकारें रेवड़ियों की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजक्ट की घोषणा कर देती थीं लेकिन कोई विचार नहीं करती थीं कैसे बनेगा। इसी वजह से लागत कई गुना बढ़ जाती थी। एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की नीति शुरू हो जाती है। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। क्योंकि ये हमारे लिए राजनीति नहीं राष्ट्रनीति का एक बड़ा हिस्सा है। हमारी कोशिश है कि प्रोजेक्ट लटके नहीं, भटके नहीं। तय समय पर काम पूरा हो, देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। किसानों की जमीन को लेकर जिस तरह की देरी होती थी वो भी प्रोजेक्ट में देरी का कारण बनती थी। हमने किसान हित में, देश के हित में इन अड़चनों को भी दूर किया। हमने कोशिश की कि पूरी पारदर्शिता के साथ भूमि अधिग्रहण हो इसके बाद हमने शिलान्यास किया ताकि सबके साथ न्याय हो।

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