केंद्रीय मंत्री तोमर बोले, कानून रद्द करने के अलावा विकल्प बताएं किसान संगठन

केंद्रीय मंत्री तोमर बोले, कानून रद्द करने के अलावा विकल्प बताएं किसान संगठन

नई दिल्ली। कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को महिला किसान दिवस मनाया । राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पिछले 54 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे आंदोलन का नेतृत्व आज महिलाओं ने किया। महिला किसान दिवस जिला स्तर पर मनाया जा रहा है। सिंघु सीमा पर मंच संचालन और सभी प्रमुख कार्य महिला नेताओ और कार्यकर्ताओं ने संभाला। महिला किसान न केवल आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं बल्कि सरकार के साथ वार्ता में भी हिस्सा ले रही हैं। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार ने साहसपूर्वक नए कृषि सुधार कानून बनाए है। सरकार के सुधार किसानों के लिए काफी मददगार साबित होंगे और इनसे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। 

तोमर ने यह बात कृषि सुधारों पर वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा ग्रामीण स्वयंसेवी संस्थाओं के परिसंघ के साथ आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में कही। तोमर ने कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार है। जब-जब देश पर संकट आया, तब-तब गांवों की परंपराओं एवं अर्थव्यवस्था ने अपनी शक्ति स्थापित की है। कोविड संकट में सरकार ने दूरदर्शिता का परिचय दिया है और इस दौरान अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश का चहुंमुखी विकास हो और भारत श्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में स्थापित हो, इसके लिए सरकार देशवासियों के साथ कदम से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। बड़े और छोटे किसानों की परिस्थितियां भिन्न है, इसीलिए छोटे किसानों को सरकार की योजनाओं, सब्सिडी, एमएसपी, टेक्नालाजी, माकेर्ट लिंक आदि के लाभ देने के लिए सरकार ने अनेक उपाय किए हैं। उन्होंने  एक बार फिर कहा कि किसानों के पास कानूनों को रद करने के अलावा कोई और विकल्प हो तो वे सरकार के सामने रख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि काफी विचार-विमर्श के पश्चात कृषि के क्षेत्र में कानूनी बदलाव लाने की जरूरत महसूस करते हुए ये नए कानून लाए गए हैं। ये कानून पहले भी अपेक्षित थे लेकिन पहले की सरकार दबाव-प्रभाव में आगे नहीं बढ़ पाई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये कानून किसानों की दशा-दिशा बदलने वाले, उन्हें कानूनी बंधनों से मुक्ति देने वाले, फसल का वाजिब दाम दिलाने वाले, महंगी फसल की ओर आकर्षित करने वाले, एफपीओ एवं फूड प्रोसिंसिग से जोडऩे वाले हैं। ये कानून किसानों के लिए काफी मददगार सिद्ध होंगे। जब भी कोई अच्छी चीज होती है तो उसमें बाधाएं आती हे। देशभर में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी खत्म होने जा रही है, लेकिन सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि एमएसपी जारी रहेगी, बल्कि एमएसपी पर खरीद भी बढ़ाई गई है। दलहन-तिलहन को भी एमएसपी में शामिल किया गया है। तोमर ने कहा कि किसान हितैषी सरकार ने किसानों की भलाई के लिए चौतरफा कदम उठाए हैं। 

देश के कृषि बजट को पांच गुना से ज्यादा बढ़ाया गया है। वर्ष 2013-14 में कृषि बजट लगभग 27 हज़ार करोड़ रूपए था, जिसे चालू वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 1. 34 लाख करोड़ रूपए कर दिया गया। आत्मनिर्भर भारत अभियान में घोषित एक लाख करोड़ रूपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से गांव-गांव पूंजी निवेश होगा, जिससे किसानों को काफी सहूलियत होगी, वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इसमें कृषि से सम्बद्ध क्षेत्रों के 50 हजार करोड़ रूपए के विशेष पैकेज भी सहभागिता करेंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि द्वारा, पारर्शिता एवं ईमानदारी के साथ सीधे किसानों के खातों में करीब एक लाख करोड़ रुपए जमा किए गए हैं, जिससे लगभग 11 करोड़ किसान लाभान्वित हुए है। बीते 11 माह में लगभग डेढ़ करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं और इन पर करीब 1.57 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त ऋण किसानों को स्वीकृत किया गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website