उत्तराखंड में घमासान: त्रिवेंद्र सिंह रावत की छुट्टी लगभग तय! धन सिंह रावत दौड़ में सबसे आगे

उत्तराखंड में घमासान: त्रिवेंद्र सिंह रावत की छुट्टी लगभग तय! धन सिंह रावत दौड़ में सबसे आगे

नई दिल्ली। तेजी से बदलते घटनाक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छुट्टी लगभग तय हो गई है। वे आज शाम राज्यपाल से मिलकर अपना त्यागपत्र सौंप सकते हैं। बुधवार सुबह 11 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इसमें नए मुख्यमंत्री का नाम सामने आ सकता है। इस दौड़ में वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खास धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे चल रहा है।

हालांकि सतपाल महाराज और पार्टी आलाकमान के करीबी राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी भी इस दौड़ में बताए जा रहे हैं। लेकिन धन सिंह रावत को संघ का भी आशीर्वाद प्राप्त है, और उन्हें जमीनी नेता माना जाता है और चुनावी वर्ष में भाजपा को ऐसा ही नेता चाहिए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में सोमवार को हुई बैठक के दौरान ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को पद से इस्तीफा देने का निर्देश दे दिया गया था। केंद्रीय नेताओं के बेहद करीबी त्रिवेंद्र सिंह रावत से पार्टी के मंत्री, विधायक और पार्टी कार्यकर्ता काफी नाराज चल रहे थे। उन पर पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने और नौकरशाहों के जाल में फंसने के आरोप लगाए जाते रहे थे।

अब जबकि राज्य के विधानसभा चुनाव में लगभग एक साल का ही समय बचा हुआ है, नाराज विधायकों का कहना था कि रावत को मुख्यमंत्री पद पर बनाये रखने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। नाराज विधायक मुख्यमंत्री को हटाने से कम पर बिल्कुल भी तैयार नहीं थे।

पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती चुनावों के मद्देनजर एक ऐसा चेहरा देने की होगी, जो विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूत वापसी दिला सके। इस दृष्टि से त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी धन सिंह रावत को मौका मिल सकता है। वे एक मंत्री के तौर पर भी काफी सक्रिय और अनुभवी हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री भी उनके नाम पर सहमत हो सकते हैं।

हालांकि मुख्यमंत्री बनने की लालसा रखने वाले सतपाल महाराज भी इस दौड़ में बताए जा रहे हैं। उत्तराखंड के एक वर्ग पर उनकी पकड़ भी मजबूत बताई जाती है। लेकिन उनकी कांग्रेसी पृष्ठभूमि उनकी राह में बाधा बन सकती है। जबकि अनिल बलूनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विश्वास प्राप्त है, लेकिन पार्टी दिल्ली में उनकी बड़ी भूमिका देखती है।

इसके बावजूद अभी वो भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं। सोमवार को दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मुख्यमंत्री रावत की बैठक के बाद उनकी बलूनी से मुलाकात को भी इसका एक संकेत माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website