उत्तराखंड के जोशीमठ पर डूबने का खतरा! घर-दुकानों और होटलों में दरारें

उत्तराखंड के जोशीमठ पर डूबने का खतरा! घर-दुकानों और होटलों में दरारें

चार धाम के प्रमुख धाम बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार कहलाने वाले उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशी मठ के शहर पर डूबने का खतरा है। यहां एक साल में करीब 500 घरों, दुकानों और होलटों में दरारें आई हैं। इस वजह से यह रहने योग्य भी नहीं बचे हैं। शहर के लोगों की आंदोलन की चेतावनी के बाद मंगलवार को प्रशासन ने भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की।

इस पांच सदस्यीय दल में जोशी मठ के नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, SDM कुमकुम जोशी, भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ दीपक हटवाल, कार्यपालक इंजीनियर (सिंचाई) अनूप कुमार डिमरी और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी शामिल थे। दरअसल, 24 दिसंबर को जोशीमठ के लोगों ने प्रशासन पर शहर को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए विरोध मार्च निकाला था। इसी के बाद प्रशासन ने टीम तैयार की।

सूत्रों की माने तो इस पैनल ने पाया कि जोशीमठ के कई हिस्से मानव निर्मित और प्राकृतिक कारणों से डूब रहे हैं। भू-धंसाव का कारण पेड़ों और पहाड़ों की कटान भी है। जोशीमठ के लगभग सभी वार्डों में बिना योजना के खुदाई भी की जा रही है, इसी कारण मकानों और दुकानों में दरारें आ रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website