नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आठ साल पहले उनकी सरकार ने न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन के रास्ते पर चलकर भारत में सुशासन के नए मंत्रों को लागू करना शुरू किया था। प्रधानमंत्री मोदी यहां देश के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने किसान ड्रोन पायलटों के साथ भी बातचीत की, खुले में ड्रोन प्रदर्शन देखे और ड्रोन प्रदर्शनी केंद्र में स्टार्टअप्स के साथ बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने ड्रोन क्षेत्र में अपने आकर्षण और रुचि के बारे में बात की और कहा कि वह ड्रोन प्रदर्शनी और उद्यमियों की भावना और क्षेत्र में नवाचार से बहुत प्रभावित हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों और युवा इंजीनियरों के साथ अपनी बातचीत के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा, “ड्रोन क्षेत्र में ऊर्जा और उत्साह दिखाई दे रहा है और यह भारत की ताकत को दर्शाता है। यह क्षेत्र रोजगार सृजन के लिए एक प्रमुख क्षेत्र की महान संभावनाएं दिखाता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आठ साल पहले हमने भारत में सुशासन के नए मंत्रों को लागू करना शुरू किया था। न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के मार्ग पर चलते हुए, हमने जीवन में आसानी (इज ऑफ लिविंग) और व्यापार करने में आसानी(इज ऑफ डूइंग) को प्राथमिकता दी है। हमने ‘सबका साथ सबका विकास’ के पथ पर आगे बढ़ते हुए देश के हर नागरिक को सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान प्रौद्योगिकी को समस्या का हिस्सा माना जाता था और इसे गरीब विरोधी के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया जाता था। इसके कारण 2014 से पहले शासन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर उदासीनता का माहौल था।
उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी शासन के मिजाज का हिस्सा नहीं बन पाई। इससे सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों, वंचितों और मध्यम वर्ग को हुआ।”
उन्होंने बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए जटिल प्रक्रियाओं का भी उल्लेख किया जिससे अभाव और भय की भावना पैदा हुई।