मुंबई। भारतीय तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत ने भारतीय घरेलू क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर बुधवार (नौ फरवरी) को इसकी जानकारी दी। घरेलू क्रिकेट से संन्यास का मतलब टीम इंडिया में उनकी वापसी के रास्ते लगभग बंद हो गए हैं। श्रीसंत ने भारत के लिए अपना अंतिम 11 साल पहले खेला था। मैच फिक्सिंग में फंसने के बाद उनका करियर बर्बाद हो गया। श्रीसंत ने पिछले साल घरेलू क्रिकेट में वापसी की, वे आईपीएल में भी नहीं चुने गए।
श्रीसंत ने 25 अक्टूबर 2005 को नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था। इसके बाद एक मार्च 2006 को इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में ही पहला टेस्ट खेला। एक दिसंबर 2006 को उन्हें जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टी20 खेलने का अवसर मिला था। श्रीसंत ने 27 टेस्ट में 87 विकेट लिए। तीन बार पारी में पांच विकेट लिए थे। वनडे में श्रीसंत के रिकॉर्ड को देखें तो उन्होंने 53 मुकाबलों में 75 विकेट झटके थे। एक बार मैच में पांच विकेट लिया था। वहीं, 10 टी20 मैचों में श्रीसंत ने सात विकेट लिए थे। 44 आईपीएल मैचों में उनके नाम 40 विकेट हैं।
74 प्रथम श्रेणी मैचों में श्रीसंत ने 213 विकेट लिए। हाल ही में उन्हें नौ साल बाद सफलता मिली थी। इसके अलावा 92 लिस्ट-ए मैचों में उन्होंने 124 और 65 टी20 मैचों में 54 विकेट लिए। उन्होंने 17 फरवरी 2022 को मेघालय के खिलाफ रणजी मैच खेला था। वह उनका आखिरी घरेलू मैच साबित हुआ।
आरोपों के कारण 2013 में आजीवन प्रतिबंध लगाया था
मैच फिक्सिंग के आरोपों के कारण उन पर 2013 में आजीवन प्रतिबंध लगाया था। श्रीसंत को 2015 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी किया था। इसके बाद केरल हाईकोर्ट ने 2018 में उनके ऊपर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बाद में प्रतिबंध को बहाल कर दिया था। इसके बाद श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत ने उनके अपराध को बरकरार रखा। बीसीसीआई को सजा की अवधि कम करने की सिफारिश की थी। अगस्त 2019 में बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने आजीवन प्रतिबंध को घटाकर 7 साल कर दिया। वह सितंबर 2020 में समाप्त हो गया।