भारत ने एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी करने की आधिकारिक बोली लगाई

भारत ने एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी करने की आधिकारिक बोली लगाई

नई दिल्ली, | भारत ने 2027 में होने वाले एएफसी एशियन कप की मेजबानी हासिल करने के लिए आधिकारिक बोली लगाई है। भारत सहित कुल पांच देशों ने एशिया के सबसे बड़े फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी हासिल करने के लिए बोली लगाई है। भारत के अलावा कतर, ईरान, उज्बेकिस्तान और सऊदी अरब भी मेजबानी के दावेदारों में शामिल हैं।

बुधवार को आधिकारिक बोली के दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद थे। उनके अलावा भारतीय महिला फुटबाल टीम की कप्तान आशालता देवी और पूर्व भारतीय पुरुष फुटबाल खिलाड़ी गौरमांगी सिंह भी उपस्थित थे।

एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी की बोली लगाने की आखिरी तारीख 18 दिसंबर 2020 है। एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी हासिल करने वाले देश की घोषणा 2021 में की जाएगी।

एएफसी ने मंगलवार को घोषणा की कि उसे सऊदी अरब और कतर से एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी करने के लिए बोली लगाने का प्रस्ताव मिला है।

कतर ने 1988 और 2011 में इस टूर्नामेंट की मेजबानी की थी, जबकि ईरान ने 1968 और 1976 में इसकी मेजबानी की थी और उन्होंने दोनों ही बार खिताब भी जीता था। भारत को पिछले महीने 2022 महिला एशियाई कप की मेजबानी भी सौंपी जा चुकी है।

इस अवसर पर रिजिजू ने कहा, ” मैं इस चीज को लेकर बेहद आश्वस्त हूं कि 2027 तक भारत की पुरुष और महिला फुटबाल टीमों की रैंकिंग में काफी ऊपर जाएगी। उस समय तक हमें इसकी मेजबानी के लिए पूरी तरह से फिट और तैयार रहना है। इसकी मेजबानी हासिल करने के लिए सरकार से अलग निजी तौर पर काफी प्रयास किए हैं और अब पूरे देश को इसका समर्थन करने की जरूरत है।”

इस दौरान एएफसी एशियन कप के आधिकारिक स्लोगन के साथ-साथ ‘उज्जवल भविष्य एक साथ’ का लोगो भी जारी किया गया।

एआईएफएफ ने कहा, “बोली का लोगो, भारत की महत्वाकांक्षा, ध्यान और भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है। यह टूर्नामेंट भारतीय और एशियाई फुटबॉल के विकास में तेजी लाएगा। परिवर्तनकारी विरासत के साथ खेल के विकास को तेजी से पटरी पर ला रहा है। देश में जमीनी स्तर पर इसमें भागीदारी बढ़ रही है और एलीट प्रदर्शन को बढ़ावा मिल रहा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website