500 करोड़ रुपये तक जा सकता है झंडों का करोबार

500 करोड़ रुपये तक जा सकता है झंडों का करोबार

देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके पर केंद्र सरकार ने 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा फहराने का आह्वान किया है। सरकार के इस अभियान के कारण इस वर्ष झंडे की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। इस अभियान का सीधा फायदा झंडे बनाने वाले कारोबारियों को हो रहा है। जिन्हें सरकार के इस कदम के चलते 25 से 30 करोड़ तिरंगे बिकने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने इस बार पॉलिएस्टर व मशीन से बने झंडे भी फहराने की इजाजत दे दी है। इसके सबसे ज्यादा ऑर्डर गुजरात में सूरत के करोबारियों को मिले है। व्यापारियों का कहना है कि हर साल 15 अगस्त 200 से 250 करोड़ रुपये के तिरंगे बिकते हैं। मगर इस वर्ष इनकी बिक्री 500 से 600 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन से जुड़े व्यापारियों ने अमरउजाला से कहा कि सूरत के व्यापारियों को 10 करोड़ झंडों के ऑर्डर मिले हैं। पहले तिरंगे खादी और दूसरे कपड़े से ही बनता था।

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