नई दिल्ली,| सीबीआरई के आंकड़ों के मुताबिक, साल-दर-साल आधार पर 2021 की पहली छमाही के दौरान देश भर में घरों की बिक्री में 75 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। लगभग 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पुणे ने बिक्री गतिविधि का नेतृत्व किया, इसके बाद मुंबई (19 प्रतिशत) का स्थान रहा। इसके बाद हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर क्रमश-18 प्रतिशत और 17 प्रतिशत शेयरों के साथ है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा घोषित मापी गई नीतियों के आधार पर, क्यू4 2020 में भारत के सात बड़े शहरों में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर आवास की बिक्री में 73 प्रतिशत की वृद्धि हुई। और आरबीआई डेवलपर्स द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहन के साथ मिलकर किया गया।
जबकि संपत्ति की कीमतें 2010 के बाद से हाई-एंड सेगमेंट में 1-6 प्रतिशत की सीएजीआर और मिड-सेगमेंट में लगभग 2-7 प्रतिशत बढ़ी हैं, 2010 और 2020 के बीच प्रति व्यक्ति जीडीपी 4.0 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी है।
इसके अलावा, शीर्ष सात शहरों के लिए प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि राष्ट्रीय औसत से ऊपर थी, जिसमें बैंगलोर ने उच्चतम सीएजीआर (6.6 प्रतिशत) की रिपोर्ट की। इसलिए, आय वृद्धि ने संपत्तियों की कीमत में औसत वृद्धि को पीछे छोड़ दिया, जिससे आवास की सामथ्र्य में और योगदान हुआ है।
इसके अलावा, आरबीआई ने फरवरी 2019 में रेपो दर को धीरे-धीरे 6.25 प्रतिशत से घटाकर मई 2020 में 4.0 प्रतिशत कर दिया, जिसके कारण होम लोन पर ब्याज दर घटकर 6.7-6.9 प्रतिशत हो गई है।