सिंचाई परियोजना से दूर होगी यूपी के 40 लाख से अधिक किसानों की दिक्कत

सिंचाई परियोजना से दूर होगी यूपी के 40 लाख से अधिक किसानों की दिक्कत

लखनऊ, | पानी के इंतजार में खेती को नुकसान न हो, इसलिए यूपी सरकार सिंचाई परियोजना से अगले साल तक जा रही है। अपनी पहली कैबिनेट में ही सूबे के लाखों लघु सीमांत किसानों का कर्ज माफ करने वाली योगी सरकार कृषि के मामले में लगातार काम करने का दावा कर रही है। इसी के तहत सिंचाई परियोजना में उन इलाकों तक पानी पहुंचाने की बात कही जा रही है जहां पानी न होने से खेती को काफी नुकसान हो रहा है।

इस परियोजना का जरिया बनेंगी सरयू नहर ,उमरहा,रतौली,लखेरी, भावनी,मसगांव, चिल्ली, बड़वार झील और बबीना आदि सिंचाई परियोजनाएं। यूं तो इन सिंचाई परियोजनाओं से सभी क्षेत्रों( पूर्वांचल,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड) के किसान लाभान्वित होंगे, पर सर्वाधिक लाभ बुंदेलखंड के किसानों को मिलेगा। अपेक्षाकृत कम बारिश होने के कारण अक्सर सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड के लिए ऐसी परियोजनाएं जरूरत भी हैं। इसीलिए बुंदेलखंड पर योगी सरकार का सर्वाधिक फोकस भी है।

सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर एके सिंह ने बताया कि प्राथमिकता के मद्देनजर सरकार ने एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 के दौरान रसिन बांध परियोजना (चित्रकूट) बंडई बांध परियोजना (ललितपुर) को पूरा किया। इनसे क्रमश: संबधित जिलों की 2290 और 3025 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित हुई। जाखलौन पंप कैनाल (ललितपुर) के टॉप पर 2.50 क्षमता के सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन भी हो रहा है। आने वाले दिनों में बुंदेलखंड की चिल्ली,कुलपहाड़ और शहजाद जैसी परियोजनाएं प्रदेश के लिए मॉडल बनेंगी। इनको स्प्रिंकलर सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इनसे कम पानी में अधिक सिंचाई होगी और उपज भी बढ़ जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website