नोएडा में दो एमएसएमई पार्कों के निर्माण के लिए तेजी से हो रहा काम

नोएडा में दो एमएसएमई पार्कों के निर्माण के लिए तेजी से हो रहा काम

लखनऊ : गौतम बुद्ध नगर जिले के न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) क्षेत्र में दो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पार्कों के निर्माण ने प्रस्तावित स्थलों पर जमीन खरीदने वाले 812 निवेशकों के साथ 2,345 करोड़ रु. लागत पर इकाइयां स्थापित करने के लिए गति प्राप्त की है। इन निवेशकों द्वारा स्थापित की जाने वाली कंपनियां 42,800 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करेंगी।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण इन पार्कों को एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित कर रहा है, जिसमें स्वदेशी उत्पादों को वैश्विक बनाने में मदद करने की क्षमता है।

नोएडा में एमएसएमई पार्कों के बाद आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में इसी तरह के पार्कों की स्थापना की जाएगी, जिनमें कई एमएसएमई मौजूद हैं।

पार्क उत्तर प्रदेश में विकास के एक नए युग की शुरूआत करेंगे।

रोजगार सृजन के मामले में एमएसएमई क्षेत्र यूपी में कृषि के बाद दूसरे स्थान पर है।

यूपी की एमएसएमई इकाइयां देश के कुल एमएसएमई का 14.2 प्रतिशत हिस्सा हैं और पिछले तीन लगातार वर्षों से सालाना 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक के सामान का निर्यात कर रही हैं।

एमएसएमई पार्क कारखानों और कारखाने के शेड के साथ व्यापार और शॉपिंग सेंटर, ऊष्मायन केंद्र, होटल और रेस्तरां, छात्रावास, कार्यालय ब्लॉक, स्वास्थ्य और फायर स्टेशन जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगे।

पार्कों में बेहतर सड़कें और बिजली और जल आपूर्ति नेटवर्क भी होंगे। पार्क में ही सर्टिफिकेशन लैब भी स्थापित की जाएगी। पार्कों में स्टोरहाउस, कंटेनर और ट्रक टर्मिनल, रेलवे साइडिंग इंफ्रास्ट्रक्च र और ईंधन स्टेशन भी होंगे।

वाईईआईडीए के सीईओ अरुण वीर सिंह के अनुसार, पार्क में जमीन खरीदने वाले सभी उद्यमियों ने अपनी इकाइयों का निर्माण शुरू कर दिया है।

जिन प्रमुख कंपनियों ने अपने कारखानों का निर्माण शुरू कर दिया है, वे हैं, स्वास्तिक इंडस्ट्रीज, यूनाइटेड लॉजिस्टिक्स, सीरिया इम्पेक्स, डीआर ऑटो इंडस्ट्रीज, रुश्या एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड, एमवी एक्जि़म प्राइवेट लिमिटेड, रानेक्सा मेडिकल, श्री बालाजी प्रिंटिंग और गैपडेक इंफ्राटेक लिमिटेड।

योजना के तहत 20 से 100 एकड़ के क्षेत्र में एमएसएमई पार्क विकसित किया जा सकता है। पार्क के कुल क्षेत्रफल का पचास प्रतिशत एमएसएमई क्षेत्र के लिए आरक्षित होगा, जिसमें से 60 प्रतिशत सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए जाएगा। पहली बार निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।

पार्कों में रेडीमेड गारमेंट, ऑटो पार्ट्स, फूड प्रोसेसिंग और प्रिंटिंग यूनिट बनाने वाली कई तरह की कंपनियां होंगी। इन कंपनियों के उत्पादों पर जीएसटी के जरिए सरकार को राजस्व मिलेगा।

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