एनआईटी राउरकेला में ‘अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र’ स्थापित करेगा इसरो

एनआईटी राउरकेला में ‘अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र’ स्थापित करेगा इसरो

राउरकेला, | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राउरकेला में एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ऊष्मायन केंद्र (स्पेस टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर) की स्थापना करने जा रहा है। स्पेस टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर (एस-टीआईसी) की स्थापना का उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों में अनुसंधान और उत्पाद विकास करना है।

आगामी केंद्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में स्टार्टअप, क्षमता निर्माण, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देगा।

एनआईटी राउरकेला इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपनी अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, सुविधाएं और विशेषज्ञ फैकल्टी प्रदान करेगा।

इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन ने एक बयान में कहा, “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित अनुसंधान और एस-टीआईसी के उत्पादों का उपयोग भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में किया जाएगा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में मदद करेगा।”

इसरो एस-टीआईसी की स्थापना के लिए एनआईटी राउरकेला को 2 साल के लिए 2 करोड़ रुपये की वार्षिक अनुदान सहायता प्रदान करेगा। इस बीज धन का उपयोग यहां सुविधा वृद्धि के लिए किया जाएगा।

एनआईटी राउरकेला अपने शैक्षणिक परिसर के अंदर आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा।

एस-टीआईसी से परिकल्पित किए गए प्रमुख परिणामों में स्पेस टेक्नोलॉजी, उत्पाद विकास, आईपीआर, स्पेस स्टार्ट-अप, बिजनेस इनक्यूबेशन आदि में रिसर्च और इनोवेशन शामिल हैं।

एस-टीआईसी की स्थापना के लिए इसरो और एनआईटी राउरकेला के बीच समझौता ज्ञापन पर 18 मार्च, 2021 को हस्ताक्षर किए गए थे। इसरो के इस सहयोग से अनुसंधान और विकास के साथ-साथ अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के नए अवसर खुलेंगे।

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