अप्रैल में 10.49 प्रतिशत रही वस्तुओं की थोक महंगाई दर

अप्रैल में 10.49 प्रतिशत रही वस्तुओं की थोक महंगाई दर

नई दिल्ली, | भारत में पिछले महीने अप्रैल में थोक महंगाई दर का सूचक यानी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 10.49 प्रतिशत रहा है, जबकि मार्च में यह 7.39 प्रतिशत था।

गौरतलब है कि यह पिछले 6 महीनों में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति की उच्चतम दर है। मार्च 2021 की तुलना में अप्रैल 2021 में थोक मूल्य सूचकांक या होलसेल प्राइस इंडेक्स में महीने दर महीने की गति के आधार पर मुद्रास्फीति की मासिक दर 1.86 प्रतिशत रही।

साल-दर-साल आधार पर, पिछले महीने मुद्रास्फीति की दर अधिकतम रही। 2020 के अप्रैल में डब्ल्यूपीआई लगभग (माइनस) 1.57 प्रतिशत आ गया था।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले महीने यानी अप्रैल में थोक महंगाई दर का 10.49 प्रतिशत दर्ज की गई है।

वाणिज्य मंत्रालय मंत्रालय के ताजा डाटा के मुताबिक, एक महीने में डब्ल्यूपीआई में 3.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

कोरोना के बीच बढ़ती महंगाई लोगों का दम निकाल रही है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि महंगे क्रूड पेट्रोलियम और मिनरल ऑयल्स यानी पेट्रोल-डीजल के कारण वस्तुओं की थोक कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।

मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, फूड आर्टिकल्स में अप्रैल महीने में दाल, फल और अंडा-मीट की थोक महंगाई दर बढ़ी है।

खंड-वार (सेगमेंट-वाइज) वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर, प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें, जो डब्ल्यूपीआई के कुल भार का 22.62 प्रतिशत है, मार्च 2021 में 6.40 प्रतिशत के मुकाबले पिछले महीने 10.16 प्रतिशत बढ़ीं।

इसके अलावा, डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक मार्च के 5.28 प्रतिशत से बढ़कर 7.58 प्रतिशत हो गया।

ईंधन और बिजली की थोक मुद्रास्फीति 20.94 प्रतिशत पर रही। वहीं मैन्युफैक्च र्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 9.01 प्रतिशत दर्ज की गई।

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